दक्षिण भारत में गंभीर जल संकट, जलाशयों में बचा सिर्फ 17% पानी- CWC रिपोर्ट

पूर्वी क्षेत्र, जिसमें असम, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य आते हैं, में पिछले साल और दस साल के औसत की तुलना में जल भंडारण स्तर (Water Reservoir Level) में सकारात्मक सुधार दर्ज किया गया है. आयोग ने कहा कि इस क्षेत्र में, 20.430 बीसीएम की कुल भंडारण क्षमता वाले 23 निगरानी जलाशयों में अभी 7.889 बीसीएम पानी है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
दक्षिण भारत में पानी की किल्लत. (प्रतीकात्मक फोटो)
नई दिल्ली:

गर्मियां शुरू होने के साथ ही दक्षिण भारत जल संकट (South India Water Crisis) का सामना कर रहा है. क्षेत्र में जल भंडारण जलाशयों की क्षमता का केवल 17 प्रतिशत रह गया है. केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के एक बुलेटिन से यह जानकारी मिली. दक्षिणी क्षेत्र में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु राज्य आते हैं. सीडब्ल्यूसी द्वारा भारत के विभिन्न क्षेत्रों के जलाशयों के भंडारण स्तर के संबंध में बृहस्पतिवार को जारी बुलेटिन में बताया गया कि दक्षिणी क्षेत्र में आयोग की निगरानी के तहत 42 जलाशय हैं जिनकी कुल भंडारण क्षमता 53.334 बीसीएम (अरब घन मीटर) है.

जलाशयों में रह गया सिर्फ 17% पानी

ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इन जलाशयों में मौजूदा कुल भंडारण 8.865 बीसीएम है, जो उनकी कुल क्षमता का केवल 17 प्रतिशत ही है.यह आंकड़ा पिछले साल की समान अवधि के दौरान भंडारण स्तर (29 प्रतिशत) और इसी अवधि के दस साल के औसत (23 प्रतिशत) की तुलना में काफी कम है. दक्षिणी क्षेत्र के जलाशयों में भंडारण का कम स्तर इन राज्यों में पानी की बढ़ती कमी और सिंचाई, पेयजल और पनबिजली के लिए संभावित चुनौतियों का संकेत है.

पूर्वी क्षेत्र के जल भंडारण स्तर में सुधार

इसके विपरीत पूर्वी क्षेत्र, जिसमें असम, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य आते हैं, में पिछले साल और दस साल के औसत की तुलना में जल भंडारण स्तर में सकारात्मक सुधार दर्ज किया गया है. आयोग ने कहा कि इस क्षेत्र में, 20.430 बीसीएम की कुल भंडारण क्षमता वाले 23 निगरानी जलाशयों में अभी 7.889 बीसीएम पानी है, जो उनकी कुल क्षमता का 39 प्रतिशत है. यह पिछले साल की समान अवधि (34 प्रतिशत) और दस साल के औसत (34 प्रतिशत) की तुलना में सुधार का संकेत है.

Advertisement

पश्चिमी क्षेत्र में गुजरात और महाराष्ट्र शामिल हैं और वहां भंडारण स्तर 11.771 बीसीएम है जो 49 निगरानी जलाशयों की कुल क्षमता का 31.7 प्रतिशत है। यह पिछले वर्ष के भंडारण स्तर (38 प्रतिशत) और दस साल के औसत (32.1 प्रतिशत) की तुलना में कम है. इसी तरह, उत्तरी और मध्य क्षेत्रों में भी जल भंडारण स्तर में गिरावट देखी गई है.

Advertisement

ये भी पढ़ें-चौथी तिमाही में NDTV के रेवन्यू में 59% का इजाफा, डिजिटल ट्रैफिक में 39% की बढ़ोतरी

Advertisement

ये भी पढे़ं-नैनीताल हाईकोर्ट कॉलोनी तक पहुंची उत्तराखंड के जंगल में लगी भीषण आग, सेना बुलाई गई

Advertisement
Featured Video Of The Day
China के Medical कब्जे से कैसे बचेगा India? Make In India असल में कितना सच? | NDTV EXCLUSIVE