भारत की सैन्य क्षमता में 'मेक इन इंडिया' के मॉटो को आगे बढ़ाते हुए बुधवार को स्कॉर्पिीन क्लास की सबमरीन यानी पनडुब्बी INS करंज को नौसेना के बेड़े में औपचारिक तौर पर शामिल कर लिया गया. मुंबई के नेवी के डॉकयार्ड में इस सबमरीन के कमीशनिंग का कार्यक्रम रखा गया था. इस मौके पर चीफ नवल स्टाफ एडमिरल करमबीर सिंह और रिटायर्ड एडमिरल वीएस शेखावत मौजूद रहे. यह पनडुब्बी मेक इन इंडिया मिशन के तहत मजगांव डॉक लिमिटेड ने बनाई है.
ANI के मुताबिक, नेवी चीफ एडमिरल करमबीर सिंह ने बताया कि नौसेना की क्षमता बढ़ाने के लिए दशकों से आत्मनिर्भरता को प्राथमिकता दी जा रही है. उन्होंने इस मौके पर कहा कि 'भारतीय नौसेना पिछले 70 सालों से स्वदेश में निर्माण और आत्मनिर्भरता की वकालत करती रही है. वर्तमान में 42 शिप और सबमरीन बन रहे हैं, उनमें से 40 नेवी के शिपयार्ड में बन रहे हैं.'
The impetuous to atmanirbharta or indigenization is a fundamental tenet of Indian Navy's growth story & future trajectory: Navy Chief Admiral Karambir Singh
— ANI (@ANI) March 10, 2021
उन्होंने कहा, 'भारतीय नौसेना के विकास और आगे की दिशा को ध्यान में रखते हुए आत्मनिर्भरता हमारे मूलभूत मूल्यों में से है.'
क्या हैं इसकी खूबियां?
आधुनिक तकनीक से बनी यह पनडुब्बी कम आवाज से दुश्मन के जहाज को चकमा देने में माहिर है. इस स्वदेशी पनडुब्बी में तारपीडो जैसे हथियार भी लगे हैं, जो दुश्मन के जहाज या पनडुब्बी को मार गिराने में सक्षम हैं. साथ ही इसमें दुश्मन के इलाके की निगरानी करने के लिए यंत्र लगे हुए हैं.
करंज टारपीडो और एंटी शिप मिसाइल से हमला करती है. रडार की पकड़ में नहीं आती, समंदर से जमीन पर और पानी के अंदर से सतह पर हमला करने में सक्षम है. 67.5 मीटर लंबी, 12.3 मीटर ऊंची और 1565 टन वजन वाली इस पनडुब्बी में ऑक्सीजन भी बनाया जा सकता है. युद्ध की स्थिति में यह दुश्मन के क्षेत्र से चकमा देकर निकलने में सक्षम है.