उत्तराखंड में कक्षा 9वीं से 12वीं के लिए सोमवार से स्कूल फिर खुलेंगे, कोविड अप्रोप्रिएट बिहेवियर का करना होगा पालन

आदेश में कहा गया है कि यदि स्कूल परिसर में किसी को बुखार, खांसी या सर्दी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो नोडल अधिकारी स्कूल प्रबंधन और प्रधानाचार्य के परामर्श से तुरंत जिला प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचित करेगा.

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उत्तराखंड में स्कूल कोविड-19 महामारी के कारण लंबे समय से बंद है. (फाइल फोटो)
देहरादून:

उत्तराखंड में कक्षा नौवीं से 12वीं तक के लिए स्कूल दो अगस्त को और कक्षा छठीं से आठवीं के 16 अगस्त को फिर से खुलेंगे. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. राज्य में स्कूल कोविड-19 महामारी के कारण लंबे समय से बंद है. राज्य सरकार की ओर से इस आशय का एक आदेश जारी कर कहा गया है कि यह सभी बोर्डिंग, डे बोर्डिंग सरकारी और निजी स्कूलों पर लागू होगा. आदेश के अनुसार सभी स्कूलों से कहा गया है कि वे अपने परिसर को अच्छी तरह से सैनिटाइज करें और प्रवेश द्वारों पर थर्मल स्क्रीनिंग और हैंड सैनिटाइज करने के बाद ही छात्रों को प्रवेश दें. आदेश में कहा गया है कि छात्रों को भौतिक रूप से कक्षाओं में शामिल होने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि ऑनलाइन उपस्थिति का विकल्प भी उनके पास उपलब्ध होगा.

इसमें कहा गया है कि जो विद्यार्थी अपनी कक्षाओं में शामिल होने के लिए स्कूल आते हैं, उन्हें ऐसा करने के लिए अपने माता-पिता या अभिभावकों की सहमति लेनी होगी. इसमें कहा गया है कि कक्षा एक से पांचवीं तक के विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं पहले की तरह जारी रहेंगी. स्कूलों को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने के लिए भी कहा गया है जो छात्रों की ओर से कोविड के उचित व्यवहार को सुनिश्चित करेगा और किसी भी उल्लंघन के मामले में कार्रवाई करेगा. आदेश के अनुसार सभी छात्रों, शिक्षकों और स्टॉफ के सदस्यों के लिए मास्क पहनना, सामाजिक दूरी का पालन करना और बार-बार हाथ साफ करना अनिवार्य होगा.

आदेश में कहा गया है कि यदि स्कूल परिसर में किसी को बुखार, खांसी या सर्दी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो नोडल अधिकारी स्कूल प्रबंधन और प्रधानाचार्य के परामर्श से तुरंत जिला प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचित करेगा. इसमें कहा गया है कि शिक्षक, स्टॉफ के सदस्य और स्कूल परिसर के भीतर रहने वाले विद्यार्थियों को 48 घंटे से अधिक पुरानी आरटी-पीसीआर परीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद ही प्रवेश दिया जाना चाहिए. आदेश में कहा गया है कि स्कूलों द्वारा शिक्षा के ‘हाइब्रिड मोड' को अपनाया जाएगा, जिसका अर्थ कक्षाओं को एक साथ मोबाइल और अन्य उपकरणों पर ‘लाइव स्ट्रीमिंग' द्वारा भौतिक और ऑनलाइन दोनों तरह से आयोजित करना होता है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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