गुरुग्राम, फरीदाबाद समेत हरियाणा के कई जिलों के स्कूल 17 नवंबर तक बंद रहेंगे, वायु प्रदूषण से गंभीर स्थिति

हरियाणा के 4 जिलों में स्कूलों को बंद रखने के साथ-साथ नगरपालिकाओं द्वारा कूड़ा कर्कट जलाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है. इन सभी जगहों पर पराली जलाने पर भी रोक रहेगी,

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Air Pollution: हरियाणा के कई जिलों में स्कूल बंद करने का फैसला. (फाइल फोटो)
गुरुग्राम:

गुरुग्राम, फरीदाबाद समेत हरियाणा के कई जिलों में वायु प्रदूषण (Air Pollution)  से गंभीर स्थिति बनी हुई है. इस क्रम में वायु प्रदूषण पर रोकथाम के मद्देनज़र हरियाणा सरकार (Haryana Govt) ने त्वरित क़दम उठाते हुए NCR के चार ज़िलों गुरुग्राम, फ़रीदाबाद, सोनीपत व झज्जर को लेकर कई निर्णय लिए हैं. इन जिलों में  सरकारी व निजी स्कूलों को बंद कर दिया गया है. हर तरह के निर्माण कार्यों पर भी रोक लगा दी गई है.

हरियाणा के 4 जिलों में स्कूलों को बंद रखने के साथ-साथ नगरपालिकाओं द्वारा कूड़ा कर्कट जलाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है. इन सभी जगहों पर पराली जलाने पर भी रोक रहेगी.

यह आदेश दिल्ली सरकार द्वारा इसी तरह के उपायों की घोषणा के एक दिन बाद आया है. हरियाणा आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सड़कों पर धूल को नियंत्रित करने के लिए मैनुअल स्वीपिंग को रोकने और पानी का छिड़काव शुरू करने का आदेश दिया है. दिल्ली में हाल के आदेश की तरह सभी सरकारी और निजी कार्यालयों को घर से काम करने की सलाह दी गई है. प्राधिकरण का लक्ष्य सड़कों पर वाहनों की संख्या को 30 प्रतिशत तक कम करना है.

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हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत और झज्जर जिलों में नगर निकायों द्वारा निर्माण गतिविधियों, पराली जलाने और कचरा जलाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा था कि दिल्ली के स्कूल सोमवार से ऑनलाइन क्लास में शिफ्ट हो जाएंगे, सभी निर्माण गतिविधियां बंद हो जाएंगी और सरकारी कार्यालय घर से काम करेंगे.

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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र व दिल्ली सरकार को लगाई थी फटकार

केजरीवाल की प्रदूषण नियंत्रण योजना सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी के कुछ घंटों बाद सामने आई थी. याद दिला दें कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि इसपर तुरंत नियंत्रण के लिए उपाय करने चाहिए. सीजेआई ने कहा कि हमें तत्काल नियंत्रण के उपाय चाहिए. जरूरत पड़ी तो 2 दिन के लॉकडाउन या कुछ और सोचें. वरना लोग कैसे रहेंगे? राजनीति और सरकार से ऊपर उठकर काम करने की जरूरत है. CJI एन वी रमना, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई की. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को प्रदूषण को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से आपातकालीन मीटिंग की रिपोर्ट भी दाखिल करने को कहा है.

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