गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर दिल्ली में निकाली गई ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) के दौरान किसान उग्र हो गए थे. कुछ किसान तय रूट की बजाय दूसरे रूट पर ट्रैक्टर लेकर दिल्ली के अंदर घुस गए. इस दौरान उन्होंने कई जगहों पर पुलिस बैरिकेड्स भी तोड़े और पुलिस (Delhi Police) के साथ उनकी झड़प भी हुई. उग्र किसान आईटीओ पहुंच गए, जहां उन्होंने काफी हंगामा किया. यहीं पर एक किसान की भी मौत हो गई, पुलिस का कहना है कि ट्रैक्टर पलटने से किसान की मौत हुई है. इसके बाद किसान लाल किले की तरफ चले गए, जहां पर किसान ट्रैक्टर लेकर लाल किले के अंदर घुस गए.
किसानों के उग्र होने के एक दिन बाद किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के सतनाम सिंह पन्नू ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि हमने पहले ही एलान किया था कि हम आउटर रिंग रोड पर जाएंगे. संयुक्त किसान मोर्चे ने भी पहले यही ऐलान किया था. बाद में संयुक्त किसान मोर्चा पीछे हटा. हमने पुलिस के रोकने के बाद बैरीकेड्स तोड़े. हम तो पुलिस से कह रहे थे कि हम शांतिपूर्ण तरीके से आउटर रिंग रोड जाएंगे'
साथ ही उन्होंने कहा कि लाल क़िले पर जाने के हम ज़िम्मेदार नहीं. लाल क़िले पर दीप सिद्धू गया. लाल किले पर जो हुआ उसका ज़िम्मेदार दीप सिद्धू हैं.दीप सिद्धू को लाल किले पर पुलिस ने क्यों नहीं रोका? दीप सिद्धू सरकार का आदमी है. हम आउटर रिंग रोड से वापस आ गए थे. पुलिस का जांच में सहयोग करेंगे. संयुक्त किसान मोर्चे से बात करूंगा. लाल किले पर जो हुआ उसका ज़िम्मेदार मैं नहीं हूं.
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बता दें, लाल किले में घुसकर किसानों ने अपने झंडे लगा दिए थे. वहां पर किसान और पुलिस के बीच झड़प भी हुई. पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया. इसके बाद लाल किले को खाली करवाया गया था. बता दें, ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा में बुधवार की सुबह तक 15 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. दिल्ली पुलिस ने इसकी जानकारी दी है. वहीं मंगलवार पूरे दिन चले इस घटनाक्रम में 86 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. रैली के रूट से हटकर उग्र होकर लाल किले में पहुंचे सभी प्रदर्शनकारियों को किले से बाहर निकाल दिया गया है और पूरे किले में भारी फोर्स की तैनाती की गई है.
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