सतीश महाना उत्तर प्रदेश विधानसभा के नए स्पीकर (Satish Mahana New Speaker) होंगे. महाना बीजेपी के वरिष्ठ विधायकों में से एक हैं. सतीश महाना ने सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन भरा. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) और योगी और दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक इस दौरान वहां मौजूद रहे. सतीश महाना ने लगातार 8वीं बार कानपुर की महाराजपुर सीट से चुनाव जीता है. उन्हें इस बार योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया था. तभी से ये कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें विधानसभा स्पीकर बनाया जा सकता है. यूपी विधानसभा (UP Assembly) में बीजेपी (BJP) और उसके गठबंधन के सहयोगी दलों का पूर्ण बहुमत है, ऐसे में महाना के स्पीकर पद पर नियुक्ति में कोई दिक्कत आने की संभावना नहीं है.
सतीश महाना पंजाबी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. इसी समुदाय से आने वाले सुरेश खन्ना भी शाहजहांपुर से लंबे वक्त से चुनाव जीतते रहे हैं. उन्हें यूपी सरकार में दोबारा मंत्रिपद मिला है. यूपी में योगी के नेतृत्व की पिछली सरकार में सतीश महाना औद्योगिक विकास मंत्री थे. वो पिछले 35 साल से विधायक हैं औऱ लगातार आठवीं बार चुनाव जीते हैं. कानपुर क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता अभी भी कायम है. बेहद लो प्रोफाइल रहने वाले सतीश महाना उत्तर प्रदेश में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में एक हैं.
सतीश महाना ने विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे को अपना नामांकन पत्र सौंपा. कांग्रेस विधायकदल की नेता आराधना मिश्रा मोना और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के नेता रघुराज प्रताप सिंह भी इस दौरान मौजूद थे. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विधानसभा स्पीकर के निर्वाचन के लिए 29 मार्च की तारीख तय की है. हालांकि सूत्रों ने बताया कि बीजेपी के पूर्ण बहुमत और विपक्ष की दावेदारी न होने से महाना का निर्विरोध चुना जाना तय है.नामांकन के लिए सोमवार, 28 मार्च को दो बजे से पहले का समय निर्धारित किया गया था.
समाजवादी पार्टी ने यूपी चुनाव में इस बार युवा नेता फतेह बहादुर को सिख को महाना के खिलाफ मैदान में उतारा था. लेकिन सतीश महाना फिर आठवीं बार जीत कर विधानसभा पहुंचे और हर बार उनकी जीत का अंतर पिछली बार के चुनाव से ज्यादा रहा है. इस बार भी महाना ने सपा प्रत्याशी को 80 हजार से ज्यादा वोटों से हराया.
बीजेपी ने यूपी विधानसभा चुनाव में अपने बलबूते 255 सीटें जीती हैं. बीजेपी के सहयोगी दल अपना दल ने 12 और निषाद पार्टी ने 6 सीटें जीती हैं. जबकि सपा को 111 सीटें मिली हैं.