- सरबजीत कौर, पंजाब के कपूरथला जिले की सिख महिला, पाकिस्तान में निकाह कर नूर हुसैन बन गई है.
- सरबजीत 4 नवंबर को ननकाना साहिब तीर्थयात्रा जत्थे के साथ पाकिस्तान गई थी, लेकिन वहां से गायब हो गई.
- सरबजीत ने अपने निकाह का वीडियो जारी कर कहा कि उसने नासिर हुसैन से प्यार और अपनी मर्जी से इस्लाम अपनाया है.
सरबजीत कौर. एक साधारण महिला अब हिंदुस्तान-पाकिस्तान में चर्चा का विषय बन गई है. चंडीगढ़ से लाहौर और दिल्ली से इस्लामाबाद तक ठंड के दिनों में भी गरमाहट है. गरमी तो ISI और RAW के दफ्तरों में भी है. इस सब की वजह ये सरबजीत कौर ही है. भारतीय पंजाब क्षेत्र में एक जिला है कपूरथला. इसी जिले के अमनीपुर गांव की रहने वाली है सरबजीत कौर. ये एक सिख महिला है और अचानक पाकिस्तान जाकर गुम हो जाती है और फिर वहां मुस्लिम धर्म अपनाकर निकाह कर नूर हुसैन बन जाती है.
क्यों गई थी पाकिस्तान
सिख धर्म के संस्थापक गुरुनानक देव का प्रकाश पर्व मनाने के लिए भारत से श्रद्धालु 4 नवंबर को पाकिस्तान के ननकाना साहिब गए थे. इस जत्थे में 1,922 तीर्थयात्री थे और सभी अमृतसर में अटारी सीमा के रास्ते पाकिस्तान गए थे. सरबजीत इसी जत्थे में शामिल थी. इस जत्थे का नेतृत्व अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गर्गज कर रहे थे. पाकिस्तान के अलग-अलग गुरुद्वारों में 10 दिन बिताने के बाद 1,922 तीर्थयात्रियों का यह समूह गुरुवार शाम मतलब 13 नवंबर को भारत लौट आया. मगर उनमें सरबजीत नहीं थी. एक तीर्थयात्री का गायब होना, वो भी महिला और वो भी पाकिस्तान में, ऐसे में अकाल तख्त साहिब के साथ ही पंजाब और भारत सरकार की टेंशन बढ़ना तय था और बढ़ा भी. पंजाब के कपूरथला जिले की पुलिस ने तत्काल बयान जारी कर कहा कि भारत के पंजाब राज्य की रहने वाली सरबजीत की गुमशुदगी की जांच की जा रही है.
तभी आया सरबजीत का वीडियो
पुलिस, RAW सहित सुरक्षा एजेंसियां अभी जांच कर ही रही थीं कि सरबजीत का एक वीडियो आया. इसमें वो निकाह कर रही है. उसने निकाह का हलफनामा भी जारी किया. सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में कौर ने कहा कि वह नासिर हुसैन से “प्यार” करती है और वह उसे पिछले नौ वर्षों से सोशल मीडिया के जरिये जानती है. उसने बताया कि वह तलाकशुदा है और उसी से विवाह करना चाहती थी. वीडियो में दिखता है कि न्यायिक मजिस्ट्रेट मुहम्मद खालिद महमूद वार्राइच की अदालत में कौर ने कहा कि किसी ने उसका अपहरण नहीं किया है और वह “नासिर हुसैन के साथ खुशी-खुशी विवाह करके रह रही है.” साथ ही, उसने कहा कि वह भारत से अपने साथ सिर्फ पहने हुए कपड़ों के अलावा कुछ भी नहीं लाई है.
पाकिस्तान ने सरबजीत पर क्या कहा
- लाहौर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पीटीआई से कहा, “कौर ने पाकिस्तान पहुंचने के एक दिन बाद, 4 नवंबर को, लाहौर से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित शेखुपुरा जिले के निवासी नासिर हुसैन से निकाह किया और यह घोषणा की कि उसने अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म अपनाया है तथा शादी की है.” उन्होंने कहा, “यह दंपति फिलहाल छिपा हुआ है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है.”
- यह पूछे जाने पर कि क्या खुफिया एजेंसियों ने इस दंपति को हिरासत में लिया है, उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार किया, लेकिन दोहराया कि पुलिस दोनों की तलाश कर रही है. पीटीआई के पास उपलब्ध उसके ‘निकाहनामा' (विवाह प्रमाणपत्र) की एक प्रति से पता चलता है कि कौर (जिसका मुस्लिम नाम अब नूर हुसैन है) ने शेखुपुरा के फर्रुखाबाद क्षेत्र निवासी नासिर हुसैन से शादी की है.
सरबजीत के पहले पति और बच्चे कौन
वहीं कपूरथला पुलिस के अनुसार, सरबजीत कौर के पास जनवरी 2024 में भारत के जालंधर स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय द्वारा जारी किया गया पासपोर्ट था. कपूरथला के सहायक पुलिस अधीक्षक धीरेंद्र वर्मा ने कहा कि सरबजीत कौर की गुमशुदगी की जांच चल रही है, लेकिन उसके धर्म परिवर्तन के बारे में कोई जानकारी नहीं है. पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने पूर्व में कहा था कि कौर के खिलाफ ठगी और धोखाधड़ी के तीन मामले दर्ज हैं, जिनमें से दो कपूरथला सिटी थाने में और एक बठिंडा के कोट फत्ता थाना में दर्ज है. अधिकारी ने कहा कि “हालांकि, इन मामलों में अदालतों में चल रही कार्यवाही लगभग पूरी हो चुकी है.”
पता चला है कि सरबजीत अपने पति से अलग हो गई थी. सरबजीत के पूर्व पति करनैल सिंह करीब 30 वर्षों से इंग्लैंड में रह रहे हैं. पहले पति से उसके दो बेटे भी हैं. भारत सरकार के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि पाकिस्तान स्थित भारतीय मिशन पाकिस्तानी अधिकारियों के संपर्क में है.
केंद्र सरकार ने मना किया था
केंद्र सरकार ने सिख तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान के ननकाना साहिब गुरुद्वारे की 10 दिवसीय यात्रा करने और गुरु नानक देव जी की जयंती मनाने की पिछले महीने अनुमति दी थी. हालांकि, इससे लगभग दो हफ्ते पहले सरकार ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए इस यात्रा की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. हर साल शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) श्रद्धालुओं का एक प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान भेजती है. इसका उद्देश्य प्रकाश पर्व पर सिख धर्म से जुड़े विभिन्न ऐतिहासिक गुरुद्वारों में, खासकर गुरु नानक देव जी के 'प्रकाश पर्व' के अवसर पर मत्था टेकना है. सरबजीत मामले पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के सचिव प्रताप सिंह ने कहा कि उन्होंने सिर्फ तीर्थयात्रियों की सूची आगे भेजी थी और पृष्ठभूमि जांच करना सरकार का काम है.
क्या पाकिस्तान की साजिश या प्रेम कहानी
अब इस मामले में भारतीय एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि क्या ये पाकिस्तान की कोई साजिश है या असल में एक प्रेम कहानी. कारण ये है कि 1947 में भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के समय जो हिंदू-सिख पाकिस्तान में रह गए थे, उनकी आबादी लगातार कम होती गई है. पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी बंटवारे के बाद बेहद कम रह गई है. उन पर तरह-तरह के जुल्म ढाए जाते हैं और उन्हें दूसरे दर्जे का नागरिक अघोषित रूप से माना जाता है. कश्मीर के अलावा पंजाब में भी पाकिस्तान उपद्रव मचाने की लगातार साजिशें रचता है. खालिस्तानी आतंकवादियों को लगातार फंडिंग और सपोर्ट करता है. ऐसे में भारतीय एजेंसियां और सरकार इस मामले पर बेहद सर्तक नजर बनाए हुए हैं.













