संयुक्त किसान मोर्चा ने फिर की आंदोलन की घोषणा, सरकार पर लगाया वादे पूरा नहीं करने का आरोप

बैठक में लखीमपुर खीरी मामले में चल रही कानूनी प्रक्रिया की समीक्षा कर चिंता जताई गई कि पुलिस प्रशासन और अभियुक्त मिलकर अपराधियों को बचाने और बेकसूर किसानों को फंसाने की कोशिश कर रहे हैं.

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
किसानों ने कहा कि 3 महीने बीत जाने के बाद भी सरकार ने अपने प्रमुख आश्वासनों पर कुछ भी नहीं किया है. (File Pic)
नई दिल्ली:

अपनी मांगों को लेकर किसानों ने एक बार फिर आंदोलन की घोषणा की है. किसान 11 से 17 अप्रैल के बीच एमएसपी गारंटी सप्ताह मनाएंगे. जिसमें एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर लखीमपुर खीरी मामले को लेकर रोष प्रदर्शन किया जाएगा. संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन की घोषणा करते हुए कहा कि तीन महीने बीतने के बाद भी सरकार द्वारा किसान आंदोलन को दिए आश्वासन पर अमल नहीं करने से सरकार की किसान विरोधी नियत जाहिर है. दिल्ली में गांधी शांति प्रतिष्ठान में संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े सभी संगठनों की बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला हुआ कि अगले महीने 11 से 17 अप्रैल के बीच एमएसपी की कानूनी गारंटी सप्ताह मना कर राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरुआत की जाएगी. 

इस बैठक में लखीमपुर खीरी मामले में चल रही कानूनी प्रक्रिया की समीक्षा कर चिंता जताई गई कि पुलिस प्रशासन और अभियुक्त मिलकर अपराधियों को बचाने और बेकसूर किसानों को फंसाने की कोशिश कर रहे हैं. जिसके बाद मोर्चे ने तय किया कि इस मामले में कानूनी लड़ाई में कोई ढील नहीं बरती जाएगी और मोर्चे की तरफ से किसानों के परिवारों को पूरी कानूनी मदद दी जाएगी. इसके अलावा भारत सरकार द्वारा 9 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा को दिए लिखित आश्वासनों की समीक्षा की गई.

जिसके बाद किसानों ने कहा कि 3 महीने बीत जाने के बाद भी सरकार ने अपने प्रमुख आश्वासनों पर कुछ भी नहीं किया है. एमएसपी पर जो कमेटी बनाने का आश्वासन था उसका नामोनिशान भी नहीं है. हरियाणा को छोड़कर अन्य राज्यों में किसानों के विरुद्ध आंदोलन के दौरान बने केस वापस नहीं लिए गए हैं. दिल्ली पुलिस ने कुछ केसों को आंशिक रूप से वापस लेने की बात कही है, लेकिन उसकी भी कोई  ठोस सूचना नहीं है. देशभर में रेल रोको की केसों के बारे में भी कुछ नहीं हुआ है.

Advertisement

किसानों का कहना है कि लखीमपुर खेरी कांड पर सरकार की भूमिका और किसान आंदोलन को दिए आश्वासनों पर वादाखिलाफी के मुद्दे को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने 21 मार्च को देशभर में रोष प्रदर्शन आयोजित करने का निर्णय लिया है. मोर्चे ने फिर दोहराया कि 28 और 29 मार्च को ट्रेड यूनियन द्वारा भारत बंद के आह्वान का संयुक्त किसान मोर्चा समर्थन करता है और देश भर में किसान उसमें बढ़-चढ़कर भागीदारी करेंगे.

Advertisement

यह भी पढ़ें:
संयुक्‍त किसान मोर्चा दोफाड़, योगेंद्र यादव बोले-कुछ किसान नेताओं ने चुनाव में भाग लेकर गलत काम किया..
नहीं हो सकी संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक, पंजाब में चुनाव लड़ने वालों पर लगाया मीटिंग पर कब्जा करने का आरोप
किसान पहले राज बदलें फिर खुद की सरकार बनाएं : राज्यपाल सत्यपाल मलिक

Advertisement

देश प्रदेश : संयुक्त किसान मोर्चे की बैठक में आपसी मतभेद खुलकर सामने आए

Featured Video Of The Day
Canada Temple Attack: खालिस्तानी पुलिसकर्मी Harinder Sohi के बारे में Exclusive जानकारी