मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले (Mumbai Cruise Drugs Case) में आज नया मोड़ सामने आया है. एनसीबी (NCB) ने मामले की जांच का नेतृत्व कर रहे जोनल अधिकारी समीर वानखेड़े (Sammer Wankhede) को जांच से हटा दिया है. आर्यन खान ड्रग्स मामले (Aryan Khan Drugs Case) में समीर वानखेडे़ पर 8 करोड़ रुपये की रिश्वत का आरोप लगा है. वानखेड़े को हटाए जाने के बाद मामले की जांच वरिष्ठ पुलिस अधिकारी संजय सिंह के नेतृत्व में एसआईटी को सौंपी गई है.
वहीं, समीर वानखेड़े ने एनडीटीवी से कहा कि उन्होंने खुद ही हाईकोर्ट में एक पिटिशन दायर कर उनके ऊपर लगे आरोपों की जांच सीबीआई या NIA जैसी केंद्रीय एजेंसी से कराने की मांग की थी. उसी को आधार बनाकर दिल्ली के बड़े सीनियर अधिकारी के नेतृत्व में SIT बनाई गई है, जो अब आर्यन खान मामले और एनसीपी नेता नवाब मलिक के दामाद समीर खान केस की भी जांच करेगी. मुझे कहीं से हटाया नही गया है. मैं उन मामलों का जांच अधिकारी नही था. मैं अपनी जगहं पर हूं.
महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के आरोपों के बाद वानखेड़े एक बड़े विवाद के केंद्र में रहे हैं. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि आर्यन खान मामले में एनसीबी के गवाह प्रभाकर सैल ने उनके रिकॉर्ड और मामलों को संभालने पर सवाल उठाए.
मुंबई क्रूज ड्रग्स केस की जांच से समीर वानखेड़े को हटाए जाने के तुरंत बाद एनसीपी नेता व महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक की प्रतिक्रिया आई है. नवाब मलिक ने ट्वीट किया कि आर्यन खान केस समेत 5 मामलों से समीर वानखेड़े को हटाया गया. कुल 26 मामले हैं जिनकी जांच करने की जरूरत है. ये तो बस शुरुआत है... इस सिस्टम को साफ करने के लिए अभी बहुत कुछ करना है और हम करेंगे.
वहीं, एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े ने एएनआई से कहा, मुझे जांच से नहीं हटाया गया है. अदालत में मेरी रिट याचिका थी कि मामले की जांच किसी केंद्रीय एजेंसी से कराई जाए. इसलिए आर्यन मामले और समीर खान मामले की जांच दिल्ली एनसीबी की एसआईटी कर रही है. यह दिल्ली और मुंबई की एनसीबी टीमों के बीच एक समन्वय है.
पिछले हफ्ते आलोचनाओं की झड़ी के बीच एनसीबी ने सार्वजनिक रूप से "त्रुटिहीन सेवा रिकॉर्ड" का हवाला देते हुए वरिष्ठ अधिकारी का समर्थन किया था. इसके साथ ही एजेंसी ने उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह के नेतृत्व में एक आंतरिक जांच भी शुरू की थी.