संसद के मॉनसून सत्र (Parliament Monsoon Session) में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ भारती प्रवीण कुमार द्वारा 'ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं' का लिखित बयान देने के बाद सियासी हलचल तेज है. चारों तरफ इस बयान की आलोचना हो रही है. इस पूरे मामले पर बीजेपी के नेता संबित पात्रा (Sambit Patra) ने कहा कि सदन में मंगलवार को ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत पर सवाल पूछा गया था. इस पर जो उत्तर दिया गया, उस पर तीन चीजें ध्यान देने योग्य हैं.
1. केंद्र कहता है कि स्वास्थ्य राज्यों का विषय है.
2.केंद्र का कहना है कि हम सिर्फ राज्यों के भेजे डेटा को संग्रहित करते हैं.
3.हमने एक गाइडलाइन जारी किया है, जिसके आधार पर राज्य अपने मौत के आंकड़ों को रिपोर्ट कर सकें.
उन्होंने आगे कहा कि किसी भी राज्य ने ऑक्सीजन की कमी को लेकर हुई मृत्यु पर कोई आंकड़ा नहीं भेजा. किसी ने ये नहीं कहा कि उनके राज्य में ऑक्सीजन की कमी को लेकर मौत हुई है. चाहे महामारी, चाहे वैक्सीन का विषय हो हर विषय में झूठ बोलना, हर विषय में भ्रम फैलाना और हर विषय में लोगों को बरगलाना, ये राहुल गांधी जी ने एक ट्विटर ट्रोलर के रूप में काम करते हुए किया है. न्यायाधीशों के सामने महाराष्ट्र सरकार ने माना है कि किसी प्रकार से कोई मृत्यु ऑक्सीजन के कारण नहीं हुई है. छत्तीसगढ़ जहां कांग्रेस की सरकार है वे खुद कह रहे हैं कि हमारे राज्य में एक भी मृत्यु ऑक्सीजन की कमी के कारण नहीं हुई है.
बता दें कि क्या कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बहुत सारे कोविड मरीज़ ऑक्सीजन की कमी की वजह से दम तोड़ गए? कांग्रेस सांसद वेणुगोपाल के इस सवाल का राज्यसभा में जो लिखित जवाब स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने दिया, वह हैरान करने वाला रहा. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन संकट की वजह से बड़ी तादाद में कोरोना मरीज़ों की मौतें हुई, लेकिन मंगलवार को ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों पर कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में स्वस्थ्य राज्यमंत्री डॉ भारती प्रवीण कुमार ने लिखित में दिए जवाब मैं कहा - स्वास्थ्य राज्य का विषय है. मौत की रिपोर्ट की विस्तृत जानकारी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश स्वास्थ्य मंत्रालय को रेगुलर बेसिस पर मुहैया कराते हैं. राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों की रिपोर्ट के मुताबिक- देश में ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं हुई है. इसी जवाब को लेकर बवाल मच रहा है.