'हिंदुस्तान में अघोषित इमरजेंसी का माहौल...' संभल विवाद पर इकरा हसन ने बीजेपी पर साधा निशाना

इकरा ने कहा, "हिंदुस्तान में भी एक अघोषित इमरजेंसी का माहौल है. पिछले 10 साल से हम देख रहे हैं कि मोब लिंचिंग जैसी घटनाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है."

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नई दिल्ली:

संभल में हो रहे विवाद और हिंसा की इकरा हसन ने कड़ी निंदा की है और इस पर बीजेपी को भी घेरने की कोशिश की है. उन्होंने कहा, "जिस तरह से संभल को प्रयोगशाला बना दिया गया है... किसी विपक्ष के नेता को और किसी जिम्मेदार नेता को वहां जाने नहीं दे रहे और रोजाना वहां का प्रशासन अपनी मन गढ़त कहानियों को लेकर सामने आ रहा है. वहां किसी को इंसाफ नहीं मिल पाया है सब परेशान है. लगातार निर्दोष लोगों को नामजद कर परेशान किया जा रहा है."

इकरा हसन ने कहै 1947 से पहले अलग-अलग राज्यों में बंटा था भारत

इकरा हसन ने कहा, "संसद में संविधान पर बातचीत हुई तब भी हमने यही बात रखी कि 1947 से पहले भारत एक राष्ट्र के तौर पर एक्जिस्ट नहीं करता था, बहुत सारे राज्य थे. हम 1947 के बाद एज ए नेशन ऑपरेट कर रहे हैं. पहले अलग-अलग तरीके के साम्राज्य थे. उस वक्त जो हुआ उसकी भरपाई अब नहीं हो सकती है. यह बात सत्ता पक्ष को समझनी पड़ेगी और इसी के आधार पर हमारा संविधान बना था". 

इकरा ने संभल विवाद पर बीजेपी को घेरा

उन्होंने कहा, "आज एक राजा है उसका जो धर्म होता है वह सब का धर्म होता है, पहले भी वैसे ही था. कल कोई दूसरा राजा अगर जमीन हथिया लेता था तो उसके हिसाब से व्यवस्था होती थी. लेकिन अब वह बात नहीं है. अब हम गणतंत्र हैं. हमारा लोकतंत्र है लेकिन अब अगर उन सब चीजों की भरपाई करेंगे तो देश की इंटीग्रिटी पर सीधा असर पड़ेगा. यह बिल्कुल बेतुकी चीज है क्या हमारे पास और कोई मुद्दे नहीं रह गए हैं." बीजेपी पर हमला करते हुए इकरा ने कहा, "आज किसान परेशान है डीएपी नहीं मिल रहा है. बेरोजगारी बढ़ रही है. वह सब छोड़कर इनको हर जगह केवल अपनी राजनीतिक रोटियां सेकनी हैं".

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अपने सांसदों के बचाव में बोलीं इकरा

उन्होंने कहा, "हमारे सांसद यहीं पर थे जब उन पर संभल वाला मुकदमा लगा. सभी संसद की कार्यवाही में थे. हम लोग स्पीकर से मिले थे. वह यहां पर मौजूद हैं और उन पर वहां पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है. इस तरह का काम उत्तर प्रदेश सरकार कर रही है इस बात का हमें बहुत अफसोस है. देखिए यह सब कहने की बातें हैं, यह सब वोट बैंक पॉलिटिक्स है. जितना यह लोग कहते हैं उतना कर नहीं पाएंगे. सब लोग एक दायरे में बंधे हुए हैं, नियम, कायदा, कानून है... संविधान है. स्कूल रोजाना तोड़ने की जो कोशिश हो रही है हम इसके खिलाफ है".

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हिंदुस्तान में अघोषित इमरजेंसी

इकरा ने कहा, "हिंदुस्तान में भी एक अघोषित इमरजेंसी का माहौल है. पिछले 10 साल से हम देख रहे हैं कि मोब लिंचिंग जैसी घटनाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है. हेट स्पीच जो दे रहा है उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. हर चीज को देखते हुए अल्पसंख्यक खासकर मुसलमान पर हमले हो रहे हैं. कोर्ट का निर्देश जब तक पहुंचता है तब तक हमारे समाज के ताना-बाना पर हमला हो जाता है . हम हर जगह अल्पसंख्यकों के हक की बात करते हैं".

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अपनी रोटिंया सेकना चाहती है बीजेपी - इकरा

उन्होंने कहा, "भाजपा केवल अपनी राजनीति की रोटियां सेकना चाहती है और कोई काम नहीं करना चाहती है. जिस तरह से अभी संभल में घटना हुई उससे पहले बहराइच में हुई. उत्तर प्रदेश में लगता है जंगल राज है. कोई सुनवाई नहीं हो रही है. बुलडोजर जस्टिस टाइप की चीजे चल रही हैं. जिस तरह से डराने का माहौल पैदा किया जा रहा है. हम कोशिश कर रहे हैं कि हम सदन में लोगों की आवाज बन सकें."

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