समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव कन्नौज लोकसभा सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. कल वह अपना नामांकन दाखिल करेंगे. 2019 के लोकसभा चुनाव में डिंपल यादव ने सपा के टिकट पर कन्नौज से चुनाव लड़ा था. हालांकि. वह बीजेपी के सुब्रत पाठक से चुनाव हार गईं थीं. अखिलेश यादव ने कन्नौज से पहले अपने भतीजे तेज प्रताव यादव को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की थी.
समाजवादी पार्टी (सपा) ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर बुधवार शाम को एक पोस्ट में कहा,''अखिलेश यादव जी कल अपराह्न 12 बजे कन्नौज लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल करेंगे.'' इससे पहले इटावा में विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया' के कार्यकर्ता सम्मेलन से इतर संवाददाताओं ने यादव से पूछा था कि कन्नौज से मौजूदा सपा प्रत्याशी तेज प्रताप सिंह ही चुनाव लड़ेंगे या वह खुद भी चुनाव लड़ सकते हैं, तो उन्होंने कहा, ''देखिए... जब नामांकन होगा तो आपको खुद पता लग जाएगा और हो सकता है कि नामांकन से पहले ही आपको जानकारी मिल जाए.''
जानकारी के मुताबिक, तेज प्रताप यादव के नाम की घोषणा किए जाने के बाद स्थानीय नेता अखिलेश यादव पर चुनाव लड़ने का दबाव बना रहे थे. इसके बाद माना जा रहा था कि अखिलेश खुद ही इस सीट से चुनाव लड़ेंगे. कन्नौज समाजवादी पार्टी का गढ़ था लेकिन पिछले चुनाव में इस सीट से बीजेपी चुनाव जीती थी. अब माना जा रहा है कि अखिलेश अपना गढ़ वापस हासिल करने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं.
समाजवादी पार्टी ने डिंपल यादव को मैनपुरी लोकसभा सीट से इस बार टिकट दिया है. डिंपल के नामांकन के समय समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव और शिवपाल सिंह यादव मौजूद थे. नामांकन दाखिल करने के बाद सपा प्रमुख यादव ने पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि समाजवादी पार्टी इस बार मैनपुरी का चुनाव रिकॉर्ड मतों से जीतने जा रही है.
समाजवादी पार्टी यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से अधिकांश पर चुनाव लड़ रही है. उसे कांग्रेस के साथ समझौते के तहत 63 सीटें मिलीं है. कांग्रेस पार्टी 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जिसमें उसके पारिवारिक गढ़ अमेठी और रायबरेली भी शामिल हैं. यूपी में 2024 के लोकसभा चुनाव के सात चरणों में से प्रत्येक चरण में मतदान होगा.