सपा विधायक ने कर दी बीजेपी की आतंकवादियों से तुलना, भाजपा प्रवक्ता ने अखिलेश यादव को बताया...

कांवड़ा यात्रा के रूट पर दुकानदारों की पहचान पर जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब एक सपा विधायक ने इसको लेकर बीजेपी की तुलना आतंकवादियों से कर दी है. इससे बीजेपी भड़की हुई है.

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लखनऊ:

उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा को लेकर जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है.सपा के पूर्व सांसद एसटी हसन के बाद अब उनकी ही पार्टी के विधायक रविदास मेहरोत्रा ने बीजेपी की तुलना आतंकवादियों से कर दी है. बीजेपी ने सपा नेता के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है. पार्टी का कहना है कि मेहरोत्रा का बयान समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के इशारे पर आया है. इस विवाद की शुरुआत कांवड़ मार्ग पर कुछ हिंदू संगठनों द्वारा उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा मार्ग पर भोजनालय मालिकों की कथित तौर पर धार्मिक पहचान के लिए कुछ दुकानदारों के पैंट उतरवाने के साथ हुई थी. हसन ने बुधवार को इस घटना को आतंकवाद का एक रूप बताया था.सावन माह में होने वाली कांवड़ यात्रा एक वार्षिक तीर्थयात्रा है जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं.

सपा विधायक ने कहा क्या है

कांवड़ यात्रा पर जारी विवाद में अब सपा नेता और लखनऊ मध्य से विधायक रविदास मेहरोत्रा भी कूद पड़े हैं. उन्होंने बीजेपी और आतंकवादियों को एक तरह ही बताया है. उन्होंने कहा है कि कावड़ यात्रा के समय जो लोग कांवड़ मार्ग पर दुकान लगाते हैं, उनसे उनकी जाति और धर्म पूछना पूरी तरह अनुचित है. मेहरोत्रा ने कहा कि बीजेपी और आतंकवादियों में कोई फर्क नहीं है. बीजेपी और आतंकवादी दोनों धर्म और जाति पूछ कर हमला करते हैं. उनकी इस तुलना पर बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि सपा नेताओं की ओर से हो रही विवादित बयानबाजी अखिलेश यादव के इशारे पर हो रही है. त्रिपाठी ने कहा कि समाजवादी पार्टी मजहबी तुष्टीकरण के लिए जानबूझकर ऐसे बयान दे रही है. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि सपा नेता अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं. 

इससे पहले कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के निर्देशों कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने कहा था कि यह उचित नहीं है कि कोई राज्य सरकार नफरत का माहौल बनाने के लिए इस अवसर का उपयोग करे.

कांवड़ यात्रा के मार्ग पर विवाद क्या है 

कुछ दिन पहले ऐसी खबरें आई थीं कि कुछ हिंदू संगठनों के सदस्य उत्तराखंड के कई शहरों में भोजनालय मालिकों और कर्मचारियों की पहचान की कथित तौर पर जांच कर रहे हैं और मुस्लिम होने का संदेह होने पर व्यक्तियों को निशाना बना रहे हैं. उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों के लिए खाद्य लाइसेंस या पंजीकरण प्रमाणपत्र को प्रमुखता से प्रदर्शित करना अनिवार्य बनाया है .अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में पुलिस ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालय मालिकों की पहचान के अनधिकृत सत्यापन से जुड़ी घटना को लेकर स्वामी यशवीर महाराज से जुड़े कई कार्यकर्ताओं को तलब किया है.

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