समाजवादी पार्टी के नेता सलीम शेरवानी (Salim Sherwani) ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवारों के नाम की घोषणा के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया. सलीम शेरवानी समाजवादी पार्टी के कद्दावार नेता माने जाते थे. एनडीटीवी के साथ बात करते हुए उन्होंने कहा कि मुसलमानों का बहुत बड़ा भरोसा सपा के साथ था. लेकिन मुसलमानों पर जो जुल्म हो रहे हैं उसे लेकर कोई भी पार्टी मुखर नहीं है. यहां तक की सपा की तरफ से भी कोई आवाज नहीं उठाया गया.
अखिलेश यादव के PDA पर उठाया सवाल
सलीम शेरवानी ने कहा कि अखिलेश यादव ने एक नारा दिया था कि उनकी पार्टी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक को साथ लेकर चलेगी. लेकिन राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवारों के चयन में उन्होंने दिखा दिया कि उन्हें खुद अपने नारों पर विश्वास नहीं है. राज्यसभा की लिस्ट में एक भी मुसलमान नहीं है. एक भी पिछड़ा नहीं है. जब आपका एक्शन दिख रहा है कि आप स्वयं उसपर विश्वास नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मेरा भरोसा पार्टी से नहीं टूटता अगर वो मेरे बदले किसी मुसलमान को ही उम्मीदवार बना देते.
सिद्धांतों के आधार पर दिया है इस्तीफा
सलीम शेरवानी ने कहा कि मैंने पद से इस्तीफा सिद्धांतों के आधार पर दिया है. आगे की रणनीति को लेकर उन्होंने कहा कि मैं अगले कुछ दिनों तक अपने समर्थकों के साथ बात करूंगा. मेरे समर्थकों के रिएक्शन मेरे पास आ रहे हैं. समर्थकों में मेरे फैसले को लेकर काफी खुशी है. अगर मुझे राजनीति में रहना है तो हमें कुछ न कुछ तो करना होगा. हम सभी लोगों से बात करेंगे और देखेंगे कि हमारे पास क्या विकल्प है.
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