भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कहा है कि इस साल मार्च तक वेतन वृद्धि के लिए किया गया प्रावधान बढ़कर 26,000 करोड़ रुपये हो जाएगा. एसबीआई ने शनिवार को बताया था कि चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में वेतन और पेंशन के लिए 7,100 करोड़ रुपये के भारी-भरकम एकमुश्त प्रावधान के कारण उसका मुनाफा 35 प्रतिशत घटकर 9,164 करोड़ रुपये रह गया.
एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यदि वेतन और पेंशन के लिए एकमुश्त प्रावधान नहीं होता तो शुद्ध लाभ 16,264 करोड़ रुपये होता. एकमुश्त प्रावधान में कर्मचारी संघों के साथ हुए 17 प्रतिशत ऊंचे वेतन समझौते के चलते वेतन और पेंशन के लिए जरूरी सभी अतिरिक्त भार का ध्यान रखा गया है. संशोधित वेतन नवंबर, 2022 से प्रभावी है.
खारा ने कहा, ‘‘दिसंबर तिमाही में किए गए कुल 7,100 करोड़ रुपये के प्रावधान में 5,400 करोड़ रुपये पेंशन के लिए हैं, क्योंकि हमारी पेंशन की गणना में कुछ विसंगतियां थीं. वर्ष 2022 से हमारे कुछ कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का 40 प्रतिशत और कुछ को 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिल रहा था और तब से मामला न्यायालय में विचाराधीन है.''
उन्होंने आगे कहा कि अब कानूनी स्पष्टता है और इसलिए 5,400 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ इसके एक बार में ही निपटाने के बारे में सोचा गया. हाल में अदालत के आदेश के बाद बैंक ने अपने 1.8 लाख पेंशनभोगियों को 50 प्रतिशत की दर से भुगतान करने का फैसला किया है.
इसका मतलब है कि वेतन वृद्धि के प्रभाव से मार्च के अंत तक बैंक के मुनाफे में 25,990 करोड़ रुपये की कमी आएगी. ऐसा इसलिए है क्योंकि बैंक ने पहले ही सितंबर, 2023 तक 13,400 करोड़ रुपये और दिसंबर तिमाही में अतिरिक्त 7,100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है.
इसके अलावा उसे मार्च तिमाही में 5,490 करोड़ रुपये और रखने होंगे. इस तरह यह राशि कुल मिलाकर 25,990 करोड़ रुपये होगी. इनमें से अधिकांश खर्च पेंशन पर होगा.