विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाता है क्योंकि 'हम आतंकवाद के बड़े पीड़ित हैं.'जयशंकर की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब इज़रायल और हमास के बीच युद्ध चल रहा है और नई दिल्ली संयुक्त राष्ट्र के उस प्रस्ताव से दूर है जिसमें हमास के आतंकवादी हमलों की निंदा नहीं की गई है. उन्होंने आतंकवाद पर ''सुसंगत रुख'' अपनाने की जरूरत पर भी जोर दिया. जयशंकर ने कल भोपाल में एक टाउन हॉल में बोलते हुए कहा, "हमें एक सुसंगत स्थिति रखने की आवश्यकता है."आज, एक अच्छी सरकार और मजबूत शासन अपने लोगों के लिए खड़ा है. जिस तरह घर में सुशासन आवश्यक है, उसी तरह विदेशों में सही निर्णय आवश्यक हैं. हम आतंकवाद पर एक मजबूत स्थिति रखते हैं क्योंकि हम आतंकवाद के बड़े पीड़ित हैं. हमारी कोई विश्वसनीयता नहीं होगी अगर हम कहते हैं कि जब आतंकवाद हमें प्रभावित करता है, तो यह बहुत गंभीर है; जब यह किसी और के साथ होता है, तो यह गंभीर नहीं है.
भारत ने जॉर्डन के प्रस्ताव पर मतदान से परहेज किया
भारत ने जॉर्डन के उस प्रस्ताव पर मतदान से परहेज किया जिसमें गाजा में इजरायली बलों और हमास आतंकवादियों के बीच तुरंत मानवीय संघर्ष विराम का आह्वान किया गया था. हालांकि, यह ध्यान रखना उचित है कि भारत कनाडाई प्रस्ताव के पक्ष में था जिसमें हमास द्वारा आतंकवादी हमलों की निंदा की गई थी. जॉर्डन के नेतृत्व वाले मसौदा प्रस्ताव को महासभा द्वारा अपनाया गया, जिसके पक्ष में 120 वोट पड़े, विपक्ष में 14 वोट पड़े और 45 वोट अनुपस्थित रहे. प्रस्ताव पर मतदान से अनुपस्थित रहने वाले 45 देशों में आइसलैंड, भारत, पनामा, लिथुआनिया और ग्रीस शामिल थे. यह प्रस्ताव इज़रायल-फिलिस्तीन संकट पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के आपातकालीन विशेष सत्र के दौरान अपनाया गया था. संयुक्त राष्ट्र में भारत ने इज़रायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति और नागरिक जीवन की आश्चर्यजनक हानि पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए दोनों पक्षों से "तनाव कम करने, हिंसा से दूर रहने" का आग्रह किया.
विदेश मंत्री ने बताया दुनिया में कैसे बदली भारत की छवि
संयुक्त राष्ट्र में भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि, योजना पटेल ने शुक्रवार (स्थानीय समय) को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के आपातकालीन विशेष सत्र में इज़रायल-हमास युद्ध पर अपनी टिप्पणी में कहा, "भारत बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर गहराई से चिंतित है." और चल रहे संघर्ष में नागरिक जीवन की क्षति हुई है. क्षेत्र में शत्रुता की वृद्धि केवल मानवीय संकट को बढ़ाएगी, सभी पक्षों के लिए अत्यधिक जिम्मेदारी प्रदर्शित करना आवश्यक है." भोपाल में विदेश मंत्री जयशंकर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि दुनिया भर में भारत की छवि कैसे बदल गई है. विदेश मंत्री ने कहा, आपके पास ऐसी सरकार कैसे है जो आवश्यक और अपने लोगों के सर्वोत्तम हित के लिए खड़ी है? एक मजबूत सरकार और अच्छी सरकार एक सिक्के के दो पहलू हैं. पिछले कुछ दशकों में, दुनिया में भारत की छवि बदल गई है. जिस तरह से हमने महामारी को संभाला जब विकसित देश बहुत तनावपूर्ण थे; क्योंकि कुछ में सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया पूरी तरह से ध्वस्त हो गई थी. हमने 'मेड इन इंडिया'... 'इनवेंट इन इंडिया' वैक्सीन बनाई, हमारे पास एक COWIN प्लेटफॉर्म था.''
इंटरनेट डेटा की खपत के बारे में भी की बात
विदेश मंत्री ने साथ ही कहा कि इस तरह, जब हर दूसरा देश अपने लोगों के कल्याण और अपने आर्थिक हितों की देखभाल करता है, तो वही यूरोप के देश कह रहे हैं कि रूस से तेल न खरीदें; वे खुद इसे ले रहे थे और और उन्होंने ऐसा कार्यक्रम बनाया जिससे उनकी अपनी आबादी पर कम से कम प्रभाव पड़े. जयशंकर ने भारत में डेटा की डिजिटल खपत के बारे में भी बात की और कहा, "इस देश में डेटा की हमारी डिजिटल खपत पिछले 5 वर्षों में दोगुनी हो गई है. पांच साल पहले, 5G के लिए या तो आप यूरोप या चीन गए थे। यूरोप महंगा था और चीन, आप अच्छी तरह जानते हैं..." पिछले पांच वर्षों में, हमने अपनी खुद की 5G तकनीक बनाई है...आज हमने कोविड से लड़ाई लड़ी है, हमने 5G लाए; पिछले कुछ हफ्तों में जो कुछ भी हुआ है, चंद्रयान मिशन...उसने पूरी दुनिया पर एक छाप छोड़ी है , “
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