आरबीआई हस्तक्षेप के कारण मजबूत डॉलर के मुकाबले रुपया 82.33 पर स्थिर

इस सप्ताह भारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप ने मुद्रा की तेज गिरावट को सीमित रखने में मदद की. ब्लूमबर्म के मुताबिक, रुपया पिछले 82.3112 के मुकाबले 82.2800 पर खुलने के बाद 82.3338 प्रति डॉलर पर था.

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भारतीय केंद्रीय बैंक ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार को कम कर रुपये को बचाने की कोशिश की.

बृहस्पतिवार को रुपये ने मजबूत डॉलर के मुकाबले अपना आधार बनाए रखा. इस सप्ताह भारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप ने मुद्रा की तेज गिरावट को सीमित रखने में मदद की. ब्लूमबर्म के मुताबिक, रुपया पिछले 82.3112 के मुकाबले 82.2800 पर खुलने के बाद 82.3338 प्रति डॉलर पर था.

पीटीआई ने बताया कि शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 2 पैसे बढ़कर 82.31 पर पहुंच गया. फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स में ट्रेजरी के प्रमुख अनिल कुमार भंसाली ने कहा कि आरबीआई ने रुपये में तरलता की कमी से बचने के लिए डॉलर की बिक्री कर रुपये की मदद की. रुपया आज 82 से 82.50 की सीमा में रहेगा. वित्तीय बाजार में अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़ों की प्रतीक्षा हो रही है. इन आंकड़ों के आधार पर सभी देशों के रिजर्व बैंक अपने आधार दरों का निर्धारण करेंगे.

आज जारी होने वाले अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़ों के बारे में चर्चा है कि वहां का केंद्रीय बैंक आक्रामक रूप से नीति को कड़ा करना जारी रखेगा. फेड गवर्नर मिशेल डब्ल्यू बोमन ने कहा है कि ब्याज दरों में बड़ी वृद्धि उनकी टेबल पर है. हालांकि, आरबीआई के प्रयासों के बावजूद रुपये में नाटकीय गिरावट हुई है.

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भारतीय केंद्रीय बैंक ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार को कम कर रुपये को बचाने की कोशिश की लेकिन उसके बावजूद रुपया ऐतिहासिक स्तर पर गिर गया. भारत की खुदरा मुद्रास्फीति  पिछले महीने बढ़कर 7.41 प्रतिशत हो गई. भोजव और ईंधन की बढ़ती लागत घरेलू बजट बढ़ा रही है.

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