आरएसएस ने तमिलनाडु के 3 जिलों में कड़ी सुरक्षा के बीच निकाला मार्च

तमिलनाडु पुलिस ने 50 में से 24 जगहों पर आरएसएस के रूट मार्च की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. इसके साथ ही कहा था कि इसे 23 जगहों पर घर के अंदर किया जा सकता है. मार्च को केवल 3 जगहों की अनुमति दी थी.

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मार्च में 330 आरएसएस सदस्यों ने भाग लिया.

चेन्नई. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS)आरएसएस ने रविवार (6 नंवबर) को तमिलनाडु के कल्लाकुरिची, कुड्डालोर और पेरम्बलुर जिलों में मार्च निकाला. भारत की आजादी के 75 साल और बीआर अंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर मार्च और जनसभा कड़ी सुरक्षा के बीच शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई. ये वे तीन स्थान हैं, जहां तमिलनाडु पुलिस ने मार्च की अनुमति दी थी.
हालांकि, इससे एक दिन पहले बीजेपी के वैचारिक गुरु यानी आरएसएस ने बयान जारी कर कहा कि वह मद्रास हाई कोर्ट में सुनवाई के बाद इस कार्यक्रम को रद्द कर रहा है.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने शनिवार को कहा था कि वह 6 नवंबर को होने वाले अपने प्रस्तावित मार्च का आयोजन नहीं करेगा, क्योंकि इस संबंध में मद्रास हाई कोर्ट द्वारा लगायी कुछ शर्तें उसे ‘‘स्वीकार्य नहीं'' हैं.

एक पुलिस अधिकारी ने कल्लाकुरिची में एनडीटीवी को बताया, "कुछ 330 आरएसएस सदस्यों ने मार्च में भाग लिया. हमारे पास विल्लुपुरम रेंज के डीआईजी (पुलिस अधिकारी) के अलावा कल्लाकुरिची, विल्लुपुरम और वेल्लोर के एसपी (पुलिस अधिकारी) थे."

शुक्रवार को मद्रास हाई कोर्ट ने आरएसएस को 44 स्थानों पर मार्च निकालने की अनुमति दी, लेकिन केवल स्टेडियम जैसी बंद जगहों पर ही इसका आयोजन किया जा सकता था. आरएसएस ने आदेश को "अस्वीकार्य" बताते हुए कहा था कि
"कश्मीर, पश्चिम बंगाल, केरल और अन्य राज्यों में मार्च खुले में होता है..."

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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