आरएसएस सरकार का रिमोट कंट्रोल नहीं, कुछ कार्यकर्ता उसमें भागीदार : मोहन भागवत

मोहन भागवत ने यहां पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा, 'मीडिया हमें सरकार के रिमोट कंट्रोल के रूप में संदर्भित करता है, लेकिन यह असत्य है. हालांकि, हमारे कुछ कार्यकर्ता निश्चित रूप से सरकार का हिस्सा हैं.

Advertisement
Read Time: 19 mins
धर्मशाला:

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के केंद्र सरकार के रिमोट कंट्रोल की तरह काम करने के आरोपों का संघ प्रमुख ने जवाब दिया है. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के धर्मशाला (Dharamshala) में कहा कि यह आकलन बिलकुल सच नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि हमारे कुछ कार्यकर्ता निश्चित रूप से सरकार का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा कि ''हालांकि भारत एक विश्व शक्ति नहीं है, लेकिन निश्चित रूप से महामारी के बाद के युग में यह विश्व गुरु बनने की क्षमता रखता है'. 

भागवत ने पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा - ''मीडिया हमें सरकार के रिमोट कंट्रोल के रूप में संदर्भित करता है, लेकिन यह असत्य है, बेशक हमारे कुछ कार्यकर्ता निश्चित रूप से सरकार का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा - ''सरकार हमारे स्वयंसेवकों को किसी भी प्रकार का आश्वासन नहीं देती है. लोग हमसे पूछते हैं कि हमें सरकार से क्या मिलता है. उनके लिए मेरा जवाब यह है कि हमारे पास जो कुछ भी है, उसे हमें खोना भी पड़ सकता है.''

RSS सैन्य संगठन नहीं, परिवार का निर्माण करने वाली संस्था है: भागवत

चिकित्सा में प्राचीन भारतीय पद्धतियों पर प्रकाश डालते हुए भागवात ने कहा - “हमें हमारे पारंपरिक भारतीय उपचार जैसे कि काढ़ा, क्वाथ और आरोग्यशास्त्र के माध्यम से देखा गया. अब, दुनिया भारत की ओर देख रही है और भारतीय मॉडल का अनुकरण करना चाहती है. हमारा देश भले ही विश्व शक्ति न बने, लेकिन विश्व गुरु जरूर हो सकता है.' आरएसएस प्रमुख ने चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) (CDS) दिवंगत बिपिन रावत और 13 अन्य लोगों की याद में एक मिनट का मौन रखा, जिनका हाल ही में तमिलनाड के कुन्नूर के पास हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया था. 

Advertisement

'भारत को भारत रहना है तो हिन्दू को हिन्दू रहना ही पड़ेगा', आरएसएस प्रमुख का बयान

उन्होंने राष्ट्रीय एकता का आह्वान करते हुए कहा कि भारत की अविभाजित भूमि सदियों से विदेशी आक्रमणकारियों के साथ कई लड़ाई हार गई क्योंकि स्थानीय आबादी एकजुट नहीं थी.  भागवत ने समाज सुधारक डा. बीआर आंबेडकर का हवाला देते हुए कहा - ''हम कभी किसी की ताकत से नहीं, बल्कि अपनी कमजोरियों से पराजित होते हैं. '' भागवत हिमाचल प्रदेश के पांच दिवसीय दौरे पर हैं और वह तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा से मुलाकात कर सकते हैं.

Advertisement

"हिन्‍दू को हिन्‍दू रहना है तो भारत को अखंड बनाना होगा": आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत

Advertisement
Featured Video Of The Day
Student Protest: Chhattisgarh में सड़कों पर उतारे हज़ारों युवा, Jobs की मांग को लेकर कर रहे प्रदर्शन, मुंडवाए बाल
Topics mentioned in this article