राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कार्यकर्ता विकास वर्ग द्वितीय के समापन समारोह में कहा कि 'हमें अपनी सुरक्षा के मामले में 'स्व' निर्भर होना चाहिए. पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद की गई कार्रवाई से देश की रक्षा और रक्षात्मक अनुसंधान क्षमताएं सिद्ध हुईं. इस अवसर पर शासन और प्रशासन की दृढ़ता भी दिखी. गुरुवार को नागपुर में कार्यकर्ता विकास वर्ग (द्वितीय) के समापन समारोह में सरसंघचालक का मार्गदर्श स्वयंसेवकों को मिला. समारोह में पूर्व केंद्रीय मंत्री और सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद नेताम प्रमुख अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे.
अपराधियों पर हुई कठोर कार्रवाई
मोहन भागवत ने कहा कि पहलगाम में हुए नृशंस हमले के बाद देशभर में आक्रोश की लहर थी. लोगों की अपेक्षा थी कि अपराधियों को कठोर दंड मिले. हमले के अपराधियों पर कठोर कार्रवाई भी हुई. कार्रवाई में देश की रक्षा और रक्षात्मक अनुसंधान क्षमताएं सिद्ध हुईं. इस मौके पर शासन और प्रशासन की दृढ़ता भी दिखी. पूरे समाज में अभूतपूर्व एकता का वातावरण दिखाई दिया. राजनीतिक मतभेद भूलाकर सभी ने सहयोग का हाथ बढ़ाया.
सारे मतभेद छूटे पीछे
उनका कहना था कि देशभक्ति के इस वातावरण में हमने अपने आपसी मतभेदों को भी पीछे छोड़ दिया. देश की यह तस्वीर चिरस्थायी होनी चाहिए. हालांकि इस कारवाई के बाद भी समस्या समाप्त नहीं हुई है और संकट कायम है. उलझनें पैदा करने के प्रयास जारी हैं. द्वि-राष्ट्रवाद का भूत कायम है. आतंकवाद और साइबर वॉर का आधार लेकर प्रॉक्सी वॉर जारी है. युद्ध के प्रकार बदल रहे हैं.
उनका कहना था कि इस मौके पर दुनिया के अन्य देशों की भी परीक्षा हो रही है. सत्य के साथ कौन खड़ा होता है और कौन स्वार्थी है, इसकी भी परीक्षा हुई है. इस सारी पृष्ठभूमि में हमें अपनी रक्षा के लिए आत्मनिर्भर होना ही होगा. सेना, शासन और प्रशासन को उस दिशा में कदम उठाने चाहिए. इसके लिए समाज शक्ति का दृढ़ता से साथ खड़ा रहना आवश्यक है.
इस मौके पर कई विदेशी मेहमान भी मौजूद थे जिनमें पेन्सिल्वानिया के नौवें जिले के पूर्व अमेरिकी सांसद और हाऊस ट्रांसपोर्टेशन कमेटी के पूर्व अध्यक्ष बिल शुस्टर, बॉब शुस्टर जो सार्वजनिक नीति और व्यवसाय के विशेषज्ञ हैं, ब्राडफोर्ड एलिसन, प्रो. वॉल्टर रसेल मेड मशहूर राइटर और बिल ड्रेक्सेल हडसन यूनिवर्सिटी में फेलो, अमेरिका-भारत संबंधों के विशेषज्ञ, इनके नाम खास रहे.