क्या है ASL सुरक्षा कैटेगरी, जो RSS चीफ मोहन भागवत को मिली

एएसएल का सुरक्षा घेरा काफी सेफ होता है. जिसमें सेंधमारी करना लगभग नामुकिन होता है. देश के पीएम के पास भी एएसएल ही सुरक्षा होती है.

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मोहन भागवत का सुरक्षा घेरा हुआ और मजबूत
नई दिल्ली:

राष्ट्रीय स्वय सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की सुरक्षा अब पहले से कड़ी कर दी गई है. आरएसएस प्रमुख की सुरक्षा प्रोटोकॉल को जेड-प्लस से बढ़ा दिया गया है. इसका मतलब ये हुआ कि अब उन्हें वही सुरक्षा घेरा मिलेगा जो देश के पीएम और गृहमंत्री अमित शाह को मिला हुआ. जानकारी के मुताबिक किसी भी संभावित खतरे को देखते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की सुरक्षा बढ़ाई गई है.

ASL के सुरक्षा घेरे में सेंध लगाना नामुमकिन

एएसएल के सुरक्षा घेरा काफी सेफ होता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अब वो विशेष तौर पर तैयार किए गए हेलिकॉप्टर से ही कहीं भी आ जा सकेंगे. उनके दौरे से पहले उस जगह की सुरक्षा बंदोबस्त की कड़ी समीक्षा होगी और रिहर्सल भी किया जाएगा. नए प्रोटोकॉल के तहत मिलने वाली इस सुरक्षा में जिला प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग सहित स्थानीय एजेंसियां तैनात रहते हैं. नई सिक्योरिटी मिलने के बाद पुरानी सिक्योरिटी टीम उस स्थान पर पहले से ही मौजूद रहेगी जहां मोहन भागवत को दौरा होगा. उनके ग्रीन सिग्नल के बाद ही मोहन भागवत उस जगह पर जाएंगे.

पहले मिली हुई थी जेड-प्लस सुरक्षा

अब जो सुरक्षा घेरा आरएसएस प्रमुख को मिला है, उसे एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (एएसएल) कहा जाता है. गृह मंत्रालय के सूत्रों ने यह जानकारी दी. समीक्षा के आधार पर यह फैसला लिया गया कि आरएसएस के सुरक्षा के घेरे को और पुख्ता किया जाए. टाइम्स ऑफ इंडिया ने गृह मंत्रालय के सूत्रों से बताया कि इस फैसले को दो सप्ताह पहले ही अंतिम रूप दिया गया है. मोहन भागवत को पहले जेड-प्लस सुरक्षा मिली हुई थी जिसमें सीआईएसएफ से अधिकारी और गार्ड शामिल थे.

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