Robotic Mule: भारतीय सेना का नया हथियार, जानें चीन और पाकिस्‍तान सीमा पर तैनात रोबो सोल्‍जर की हर खासियत

दिखने में यह रोबोट एक कुत्ते जैसा नजर आता है, इसके चार पैर हैं. फर्क बस इतना है कि कुत्ता अपनी मर्जी से चल सकता है, जबकि यह म्यूल बिना रिमोट के हिल भी नहीं सकता.

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रोबोटिक म्‍यूल को 10 किलोमीटर दूर से रिमोट के जरिए ऑपरेट किया जा सकता है.

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  • भारतीय सेना ने सीमा की सुरक्षा के लिए रोबो सोल्जर रोबोटिक म्‍यूल को तैनात किया है.
  • यह रोबोट दुश्मन पर फायरिंग करने के साथ ही और निगरानी भी कर सकता है।
  • रो‍बोटिक म्यूल 10 किलोमीटर दूर से रिमोट से ऑपरेट किया जा सकता है.
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नई दिल्‍ली :

भारतीय सेना तकनीक के मामले में लगातार खुद को बेहतर कर रही है. सेना ने अब देश की सरहदों पर एक 'रोबो-सोल्‍जर' को तैनात किया है. रोबोटिक म्यूल एक ऐसा स्वचालित सैनिक है, जो बिना किसी इंसानी दखल के न सिर्फ दुश्मन पर फायर कर सकता है, बल्कि सरहद पर निगरानी का काम भी बखूबी करता है. यह अब भारतीय सेना का हिस्सा बन चुका है और चीन से लेकर पाकिस्तान की सीमाओं पर तैनात है. गोली चलाने से लेकर हर मौसम में निगरानी तक आइए जानते हैं इसकी खासियत. 

दिखने में यह रोबोट एक कुत्ते जैसा नजर आता है, इसके चार पैर हैं. फर्क बस इतना है कि कुत्ता अपनी मर्जी से चल सकता है, जबकि यह म्यूल बिना रिमोट के हिल भी नहीं सकता. यह देसी कंपनी एरोआर्क का उत्पाद है और इसे 10 किलोमीटर दूर से रिमोट के जरिए ऑपरेट किया जा सकता है.

लगाए जा सकते हैं घातक हथियार 

यह हर मौसम में काम करने में सक्षम है, चाहे कड़ाके की सर्दी हो, चिलचिलाती गर्मी या भारी बारिश. यह माइनस 40 से प्लस 55 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में काम कर सकता है. दिन हो या रात, किसी भी हालात में यह ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है.

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यह रोबोट 12 से 15 किलोग्राम तक का रणनीतिक पेलोड उठाकर चल सकता है. जरूरत के अनुसार इसमें AK-47, इंसास, LMG, स्नाइपर या टेवौर जैसे हथियार लगाए जा सकते हैं. इसके अलावा यह सीमा पर छोटे-मोटे सामान लाने-ले जाने के लिए भी इस्तेमाल हो सकता है.

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कोई नहीं रोक सकता है इसकी राह 

यह समतल जमीन के साथ-साथ उबड़-खाबड़ रास्तों, सीढ़ियों, रेगिस्तान और बर्फीले इलाकों में भी आसानी से चल सकता है. यहां तक कि यह पानी के भीतर भी चलने में सक्षम है और नदियों-नालों को पार कर सकता है.

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यह रोबोट लगातार साढ़े तीन घंटे तक 18 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकता है और महज एक घंटे में फुल चार्ज हो जाता है. इसकी बैटरी लाइफ 21 घंटे है.

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कैमरे और एडवांस सेंसर से लैस है रोबो म्‍यूल 

इसमें पांच थर्मल कैमरे और एडवांस सेंसर लगे हैं, जो इसे 360 डिग्री में निगरानी की क्षमता देते हैं. इसमें इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स और इंफ्रारेड तकनीक है, जो सामने की वस्तुओं की पहचान करने में सक्षम है.

इसका वजन 51 किलोग्राम है, चौड़ाई 10 इंच, ऊंचाई 27 इंच और लंबाई 37.5 इंच है.

फारवर्ड लोकेशन पर सेना का सबसे बड़ा हथियार 

इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि फारवर्ड लोकेशन पर जवान भेजने की बजाय अगर रोबोटिक म्यूल को भेजा जाए, तो यह दुश्मन की पुख्ता जानकारी देने के साथ-साथ कार्रवाई भी कर सकता है.

इससे जवानों की जान जोखिम में नहीं पड़ती है, जो इलाके बेहद खतरनाक माने जाते हैं, वहां यह म्यूल सेना के लिए एक अत्यंत उपयोगी हथियार साबित हो सकता है.

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