Exclusive: देश में हाईवे बनाने में हुआ करोड़ों का खेल, कई अफसरों पर हुई कार्रवाई

एनएचएआइ (National Highways Authority of India) की ओर से हाईवे (National Highway) के निर्माण में करोड़ों का घपला (Scam in Road Construction) सामने आया है.खुद नितिन गडकरी ने यह बात स्वीकार की है.

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NHAI: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क निर्माण में अनियमितताओं का खुलासा किया है.
नई दिल्ली:

देश में एनएचएआई (National Highways Authority of India) की ओर से राष्ट्रीय राजमार्गों (National Highway) के निर्माण में करोड़ों का घपला (Scam in Road Construction) सामने आया है. कहीं निर्माण एजेंसियों ने गलत तरीके से दूसरी एजेंसियों को काम सौंपा, तो कहीं पर घटिया निर्माण कर डाला. देश में हाईवे निर्माण( Highway) में भ्रष्टाचार के 15 मामले दर्ज हुए हैं. घोटाले में फंसी ऐसी ही एक निर्माण एजेंसी से सरकार ने दंडस्वरूप 13.63 करोड़ रुपये की वसूली की तो आधे दर्जन से अधिक अफसरों पर कार्रवाई भी हुई है. हालांकि 15 में से सिर्फ तीन  मामलों की ही अभी जांच पूरी हो पाई  है. यह हाल तब है, जबकि सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी(Nitin Gadkari) कई बार अफसरों, कार्यदायी एजेंसियों को कड़ी चेतावनी दे चुके हैं कि घपला होने पर वे कतई बख्शे नहीं जाएंगे. पिछले साल मई में नितिन गडकरी (Nitin Gadkari)  ने एक चौंकाने वाला बयान देते हुए कहा था कि अगर सड़क निर्माण में कहीं भ्रष्टाचार मिला तो दोषी ठेकेदारों को वह बुल्डोजर के नीचे डलवा देंगे. 

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कई राज्यों में हुआ खेल
हाईवे बनाने, उनकी डिजाइनिंग, विस्तार आदि के काम में ये घपले हुए हैं. उत्तर-प्रदेश, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में सड़क निर्माण में वित्तीय अनियमितताएं(Road Construction Scam) सामने आईं हैं. दरअसल, एनसीपी सांसद रविंद्र विश्वनाथ गायकवाड़ ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की ओर से सड़कों के निर्माण में भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतों का ब्यौरा मांगा था. खुद सड़क, परिहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन रमेश गडकरी ने बीते 27 दिसंबर को इसका खुलासा किया था. उन्होंने बताया था कि देश में एनएचएआई की ओर से हाईवे निर्माण में भ्रष्टाचार से जुड़े कुल 15 मामले सामने आए हैं.महाराष्ट्र और बिहार में दो-दो मामले, जबकि उत्तर-प्रदेश में भ्रष्टाचार के तीन मामले सामने आए. उन्होंने बताया कि इन 15 मामलों में तीन मामलों की जांच पूरी हो जाने के बाद कार्रवाई की गई है. 

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इन राजमार्गों के निर्माण में खेल
बात उत्तर-प्रदेश से शुरू करते हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग -86 यानी कानपुर-सागर हाईवे पर शंभुआ रेल क्रासिंग स्थित है. यहां रेल ओवरब्रिज(आरओबी) बनाने में घपला हुआ. इसी तरह राष्ट्रीय राजमार्ग 93 के आगरा-अलीगढ़ खंड में भी कई तरह की अनियमितताएं मिलीं. जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग -2 दिल्ली-मथुरा खंड की भी हालत खराब मिली. इसी तरह बिहार में राष्ट्रीय राजमार्ग -80 पर 1.43 किमी से 70.00 किमी तक मोकामा-मुंगेर खंड को दो लेन बनाया जाना था. जांच के दौरान इस सड़क के निर्माण में तकनीकी और वित्तीय अनियमितताएं सामने आईं. वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग 28 पर गोपालगंज से होते हुए पिपराकोठी-मुजफ्फरपुर में ठेकेदार ने घटिया काम कराया. आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय राज्यमार्ग 5 पर 291 किलोमीटर से 358 किलोमीटर तक ओगोल से चिलकारुरिपेट खंड तक सड़क निर्माण में एनएचएआई  अफसरों के खिलाफ शिकायत मिली.राष्ट्रीय राजमार्ग 7 के नागपुर-हैदराबाद खंड पर इस्लाम नगर( किमी 230.00) से कडतल( किमी 278.00) तक 4-लेन के खंड के डिजाइन, निर्माण और अनुरक्षण में भी शिकायत मिली.

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इसमें निर्माण कंपनी मेसर्स पटेल-केएनआर हैवी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड की भूमिका सामने आई.इसके अलावा महाराष्ट्र में राष्ट्रीय राजमार्ग के वड़ापे-गुंडे खंड के मौजूदा दो लेन सड़क के फोर लेन के विभाजित राजमार्ग में सुधार के काम में गड़बड़ी मिली. महाराष्ट्र में राष्ट्रीय राजमार्ग छह पर नागपुर से कौंधई खंड के किमी 9.2 से किमी 50 तक बीओटी पैकेज में अनियमितता सामने आई.जबकि राजस्थान में राष्ट्रीय राजमार्ग 76 के खराब सर्विसरोड के संबंध में भी शिकायत मिली. हालांकि यह शिकायत जिला कलेक्टर, बारन की ओर से 14 जुलाई, 2011 को ही गई थी.ओडिशा, और जम्मू-कश्मीर में भी हाइवे निर्माण में घपले सामने आए हैं. राजस्थान में हाईवे निर्माण का मामला 2011 से जुड़ा है, अन्य सड़कों के निर्माण की शिकायतें कब मिलीं, इसके समय की जानकारी नितिन गडकरी ने नहीं दी. 

क्या हुई कार्रवाई
नितिन गडकरी ने बताया कि आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग-7 के फोर लेन के डिजाइन, निर्माण में घपले के मामले में जांच पूरी हो गई. दोषी मिले मेसर्स पटेल-केएनआर हैवी इंफ्रास्ट्रक्चर से कुल 13.63 करोड़ रुपये की धनराशि बतौर पेनाल्टी वसूली गई. महाराष्ट्र में राष्ट्रीय राजमार्ग तीन के निर्माण में गड़बड़ी पर निर्माण एजेंसियों के अफसरों के खिलाफ कार्रवाई हुई. एसके सुरवास, जीएम, डीजीएम श्रीराम मिश्रा, प्रबंधक केवी गोडके, हरीश शर्मा, सीजीएम अशोक वासन, एसपीएस सेठी,राजेश पूनिया के खिलाफ कार्रवाई हुई. जम्मू-कश्मीर में  एस्केप टनल के साथ नौ किमी लंबी सुरंग( दो लेन) सहित राष्ट्रीय राजमार्ग -1 ए के 89 किमी से 130 किमी तक चेनानी से नाशरी खंड क फोर लेन निर्माण कीजांच हुई. दोषी चेनानीनाशिरी टनलवे लि. से 58 लाख रुपये पेनॉल्टी वसूली गई. क्योंकि कंपनी ने मैसर्स श्याम स्टील का उपयोग किया, जो मूल निर्माता ही नहीं थी. 

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