बिहार विधान सभा (Bihar Assembly) में शनिवार (13 मार्च) को सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच काफ़ी तनातनी दिखी. इस तनाव का कारण ना केवल राजस्व मंत्री रामसूरत राय का मुद्दा रहा बल्कि विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने जब ये कहा कि उप मुख्य मंत्री (Deputy CM) का पद कोई संवैधानिक पद नहीं होता है, तब वर्तमान में उप मुख्य मंत्री तारकिशोर प्रसाद (Tarkishore Prasad) और उनके पार्टी के सदस्यों ने इस पर अपना विरोध जताया.
तेजस्वी यादव का कहना था कि संविधान में तीन पद मुख्य मंत्री, उनके मंत्रिमंडल के सदस्य यानी मंत्री या राज्यमंत्री और विपक्ष के नेता के पद को ही संवैधानिक मान्यता दी गयी है लेकिन उप मुख्य मंत्री की कोई चर्चा नहीं है. उन्होंने ये भी कहा कि वो भी खुद उप मुख्य मंत्री रहे हैं और इस बात को भली भाँति जानते हैं. इस पर सता पक्ष ख़ासकर उप मुख्य मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने अपना विरोध जताया और उनके समर्थन में उनकी ही पार्टी के कई विधायक भी बोलने लगे.
इसके बाद तेजस्वी यादव ने सदन में ही चुनौती दी कि उन्हें कोई ऐसी किताब दिखायी जाए जिसमें इस पद की चर्चा हुई है और उसे संवैधानिक बताया गया हो. हालाँकि, हंगामे के बीच विधान सभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने बीच-बचाव की कोशिश की लेकिन तब तक माहौल काफ़ी हंगामेदार हो चुका था. इसके बाद सदन को भोजनावकाश के समय से काफी पहले स्थगित करना पड़ा. हालाँकि तेजस्वी यादव द्वारा मंत्री रामसूरत राय के पिता का नाम लेने पर तारकिशोर प्रसाद द्वारा अध्यक्ष के सम्बंध में कही गई बात भी मुद्दा बन गया.