दिल्‍ली में कोरोना केसों के बढ़ते ग्राफ पर स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय चिंतित, गुरुवार को इस मुद्दे पर होगी चर्चा

मंगलवार को देश की राजधानी में कोरोना के अब तक के सबसे ज्यादा 4853 नए मामले सामने आए. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने दिल्ली के बढ़ते पॉजिटिविटी रेट पर चिंता जाहिर की.

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दिल्‍ली में मंगलवार को कोरोना के 4853 नए मामले सामने आए (प्रतीकात्‍मक फोटो)
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दिल्ली का पॉजिटिविटी रेट इस समय 8% से ऊपर है
एक समय यह 5 प्रतिशत से भी नीचे चला गया था
मंगलवार को दिल्‍ली में आए कोरोना के 4853 नए मामले
नई दिल्ली:

Corona Cases In Delhi: दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामलों में हो रहे इजाफे पर केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय (Health Ministry) ने चिंता जताई है. मंगलवार को देश की राजधानी में कोरोना के अब तक के सबसे ज्यादा 4853 नए मामले (New Corona cases In Delhi) सामने आए. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने दिल्ली के बढ़ते पॉजिटिविटी रेट पर चिंता जाहिर की. आपको बता दें कि अक्टूबर माह की शुरुआत में दिल्ली का पॉजिटिविटी रेट 5 फ़ीसदी के नीचे चला गया था, लेकिन बीते 3 दिन से लगातार दिल्ली का पॉजिटिविटी रेट 8 फ़ीसदी से ऊपर चल रहा है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर पॉजिटिविटी रेट पांच से कम है. यानी हर 100 टेस्ट में से 5 से भी कम लोग संक्रमित पाए जा रहे हैं. उन्‍होंने बताया कि गुरुवार को दिल्ली के साथ कोरोना के हालात पर चर्चा होगी.

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केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण (Rajesh Bhushan) ने कहा, 'हमारे लिए जो चिंता की बात है वह यह है कि दिल्ली का कुल पॉजिटिविटी रेट 8.06% है. अगर हम साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट को देखें तो वह 7% है  इसीलिए इन दोनों को हमें मिलाकर देखना होगा. दो तथ्यों को एक साथ देखा जाना चाहिए कि कितने नए केस आ रहे हैं और पॉजिटिविटी की दर क्या है? जब आप दोनों चीजों को एक साथ देखते हैं तब आप इस तरह के प्रश्न कर सकते हैं कि दिल्ली में कुल कितने टेस्ट हो रहे हैं, उन टेस्ट में आरटी पीसीआर टेस्ट का अनुपात क्या है, उन टेस्ट में रैपिड एंटीजन टेस्ट का अनुपात क्या है,  जो लोग रैपिड एंटीजन टेस्ट से सिंप्टोमेटिक नेगेटिव है क्या वह शत-प्रतिशत आरटी पीसीआर टेस्ट से कवर किए जा रहे हैं? या उसमें कुछ लोग छूट जा रहे हैं. यदि छूट जा रहे हैं तो तो क्या वह लोग संक्रमण फैलाने की स्थिति में है? जो भी कंटेनमेंट एरिया है उनमें क्या हाउस-टू-हाउस एक्टिव सर्च हो रही है या नहीं हो रही है. यदि हो रही है और तो कहां पर चीजों को और बेहतर करने की आवश्यकता है. यह वे सारी बातें हैं जिन पर राज्यों के साथ चर्चा की जाती है.

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