जब रेलवे के रिटायर कर्मचारी ने उठाई थी माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ आवाज, पेंशन से लड़ा था केस

सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारी को पता चला कि जमीन राज्य सरकार की है. उन्होंने तुरंत मुख्तार अंसारी और उनके लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया. 

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
रेलवे के पूर्व कर्मचारी हरिश्चंद्र विश्‍वकर्मा ने मुख्‍तार अंसारी के खिलाफ आवाज बुलंद की थी.
मऊ:

गैंगस्‍टर से राजनेता तक का सफर तय करने वाले मुख्‍तार अंसारी (Mukhtar Ansari) से जुड़ी बहुत सी कहानियां हैं, जो उसकी जुर्म की दुनिया के बारे में बताती हैं. हालांकि मुख्‍तार अंसारी के खौफ के बावजूद कुछ ऐसे लोग थे, जिन्‍होंने उसके खिलाफ आवाज बुलंद की. इनमें से एक हैं रेलवे के पूर्व कर्मचारी हरिश्चंद्र विश्‍वकर्मा. विश्‍वकर्मा ने 2003 में पहले दो हजार ईंटों की चोरी का मामला दर्ज कराया तो उसी साल दूसरा मामला जमीन हड़पने का था. कथित तौर पर दोनों को गैंगस्‍टर-राजनेता मुख्‍तार अंसारी के लोगों ने अंजाम दिया था. 

रेलवे के पूर्व कर्मचारी हरिश्चंद्र विश्वकर्मा 2003 में रिटायर हुए थे. उसी साल क्षेत्रीय बाहुबली मुख्तार अंसारी के खिलाफ जमीन हड़पने का मामला दर्ज कराया गया. यह मुख्‍तार अंसारी के खिलाफ मामलों की लंबी सूची में जमीन हड़पने का पहला मामला था. मुख्‍तार अंसारी की गुरुवार को उत्तर प्रदेश के बांदा में मौत हो गई. 

मऊ में रहने वाले 82 साल के विश्वकर्मा ने गैंगस्टर की मौत के बारे में पूछे जाने पर दार्शनिक अंदाज में जवाब देते हुए एनडीटीवी से कहा, "हम सभी को एक दिन मरना है. यह आपकी और मेरी दोनों की कहानी है."

Advertisement

2005 से अपनी मौत तक मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश और पंजाब की अलग-अलग जेलों में बंद था. 

घर बनाने के लिए खरीदी ईंटें चुरा ली गई : विश्‍वकर्मा 

मऊ में रहने वाले विश्वकर्मा ने एनडीटीवी को बताया, "मेरे घर के सामने एक जमीन थी जिस पर कथित तौर पर मुख्तार अंसारी के लोगों ने कब्जा कर लिया था. वहां एक स्कूल बनाया गया था और उद्घाटन करने के लिए मुख्तार अंसारी को बुलाया गया था."

Advertisement

उन्होंने कहा, "स्कूल तक जाने वाली सड़क बनाने के लिए उनके (मुख्तार अंसारी) लोगों ने 2,000 ईंटें चुरा लीं, जिन्‍हें मैंने अपना घर बनाने के लिए खरीदा था."

Advertisement

उन्होंने बताया कि जब मुख्तार अंसारी स्कूल का उद्घाटन करने आया तो उसे सिक्कों से तोला गया. मुख्‍तार अंसारी मऊ का रहने वाला था और माना जाता था कि उसका गाजीपुर और वाराणसी जिलों में भी काफी प्रभाव था.  

Advertisement

मऊ विधानसभा सीट पर लगातार 5 बार जीत 

गैंगस्टर ने 1996 से लगातार पांच बार मऊ विधानसभा सीट जीतीं, जिसमें दो बार बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की. अंसारी ने आखिरी बार 2017 में विधानसभा का चुनाव लड़ा था. 

सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारी को पता चला कि जमीन राज्य सरकार की है. उन्होंने तुरंत मुख्तार अंसारी और उनके लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया. 

विश्‍वकर्मा से जब यह पूछा गया कि उन्होंने पैसे का प्रबंधन कैसे किया तो उन्‍होंने कहा कि केस लड़ने के लिए उन्‍होंने अपनी पेंशन का इस्तेमाल किया. 

मुख्‍तार अंसारी के लोगों ने किया हमला : विश्‍वकर्मा 

विश्वकर्मा ने कहा कि उनके बड़े भाई पर मुख्तार अंसारी के लोगों ने हमला किया था, क्योंकि उन्होंने मामला वापस लेने से इनकार कर दिया था. 

कई सालों बाद जब वह जीते तो स्कूल बंद कर दिया गया और मऊ नगरपालिका ने संपत्ति पर कब्जा कर लिया.  हालांकि उन्हें चोरी हुई ईंटें कभी नहीं मिलीं. हालांकि वह अपना घर बनाने में सक्षम थे. विश्‍वकर्मा ने 2018 में अपनी पत्‍नी को खो दिया था. 

ये भी पढ़ें :

* "न्याय मिल गया": मुख्तार अंसारी की मौत पर बोलीं दिवंगत BJP विधायक कृष्णानंद राय की पत्नी
* सपा चीफ अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर जताया संदेह, कहा- कोर्ट स्वत: संज्ञान ले
* ...जब जेल में मुख्तार अंसारी को सताने लगा हत्या का डर, सुप्रीम कोर्ट से लगाई थी जान बचाने की गुहार

Featured Video Of The Day
Top News Headlines April 2: Waqf Amendment Bill पर भड़के Akhilesh Yadav | Banaskantha Factory Fire