सेवानिवृत्त 17 IPS अधिकारियों ने सेवारत साथियों से केंद्र में सेवा देने का आग्रह किया

आईपीएस अधिकारियों ने कहा कि, ‘‘पूर्व आईपीएस अधिकारियों के रूप में हम आईपीएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के वास्ते प्रोत्साहित करने तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के वृहद और सूक्ष्म स्तर पर योगदान के लिए भारत सरकार की पहल का समर्थन करते हैं.’’

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केंद्र में स्वीकृत 645 पदों में से 442 आईपीएस अधिकारी ही अभी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

भारतीय पुलिस सेवा (आईपीस) के 17 सेवानिवृत्त अधिकारियों ने शुक्रवार को सेवारत आईपीएस अधिकारियों से केंद्र सरकार के तहत सेवा देने के लिए आगे आने की अपील की और कहा कि पुलिस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति द्वारा पेश किए गए अवसरों का लाभ उठाना चाहिए. आईपीएस अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय प्रतिनियुक्ति केंद्र और राज्य प्रशासन के बीच संबंध को मजबूत करती है, क्योंकि अखिल भारतीय सेवाएं सबसे महत्वपूर्ण सूत्र हैं जो भारतीय संघ और राज्यों को एक साथ जोड़ते हैं.

इन सेवानिृत्त अधिकारियों में से ज्यादातर अधिकारी विभिन्न पुलिस संगठनों में डीजीपी के रूप में सेवा देने के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं. आईपीएस अधिकारियों ने एक बयान में कहा, ‘‘पूर्व आईपीएस अधिकारियों के रूप में हम आईपीएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के वास्ते प्रोत्साहित करने तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के वृहद और सूक्ष्म स्तर पर योगदान के लिए भारत सरकार की पहल का समर्थन करते हैं.''

उन्होंने कहा कि मौजूदा नियमों के तहत 5000 आईपीएस कैडर में से 2700 वरिष्ठ ड्यूटी पोस्ट (एसपी से डीजी रैंक) और 1075 (40 फीसदी) केंद्रीय प्रतिनियुक्ति रिजर्व (सीडीआर) के लिए निर्धारित हैं. हालांकि फिलहाल केंद्र में स्वीकृत 645 पदों में से 442 आईपीएस अधिकारी ही अभी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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