गणतंत्र के स्पेशल 26 : परेड में पहली बार दिखेगा C 130 J सुपर हरक्यूलिस विमान

इस विमान की ऊंचाई क़रीब 12 मीटर है.ये 19 टन वज़न उठा सकता है.जबकि यह 643 किलोमीटर की रफ़्तार से उड़ सकता है. और एक बार में 3,334 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है.

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गणतंत्र दिवस में पहली बार दिखेगा C 130 J सुपर हरक्यूलिस विमान

नई दिल्ली:

इस साल का गणतंत्र दिवस (Republic Day) परेड कई मामलों में खास है. 26 जनवरी की परेड में इस बार आपको एक विशाल विमान भी दिखेगा. इस विमान का नाम C 130 J सुपर हरक्यूलिस है. इसे इसी हफ़्ते रात को कारगिल एडवांस लर्निंग ग्राउंड पर उतारा गया था. पाकिस्तान से लगी नियंत्रण रेखा पर 10,500 फुट की ऊंचाई पर इसे उतारा गया. ये रणनीतिक तौर पर बहुत अहम है. विमान पर गरुड़ कमांडर थे. ये विमान चीन से लगे दौलत बेग ओल्डी एडवांस लैंडिंग ग्राउंड पर भी उतारा जा चुका है. 

सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन में मिलती है इससे मदद

दरअसल, ये बहुत छोटे रनवे पर उतर सकता है और ऊबड़-खाबड़ ज़मीन पर भी लैंड कर सकता है. इतना ही नहीं खराब से ख़राब मौसम में उड़ान भर सकता है. आपको बता दें कि ये दुनिया का सबसे आधुनिक ट्रांसपोर्ट विमान है. ये स्पेशल ऑपरेशन में भी काम आता है. सर्च और रेस्क्यू के काम में भी इसकी मदद ली जाती है. पैरा ड्रॉप से लेकर इलेक्ट्रॉनिक निगरानी तक इससे होती है,

इस विमान से बड़ी संख्या में सैनिकों को तेज़ी से कहीं पहुंचाया जा सकता है. इस विमान की मदद से सैनिकों तक रसद और दूसरा सामान भी पहुंचाया जा सकता है. पूर्वी लद्दाख में 2020 में चीन के साथ तनाव के वक़्त इस विमान से तैनाती हुई थी.खास बात ये है कि इस विमान को अमेरिका की लॉकहीड मार्टिन कंपनी ने बनाया है. अमेरिका सहित 20 से ज़्यादा देश इसका इस्तेमाल करते हैं.

उत्तरकाशी में फंसे मजदूरों को भी इसी से ले जाया गया था

2011 में ये भारतीय वायुसेना का हिस्सा बना.  कई संकटों में ये विमान काम आता रहा है. आपको बता दें कि उत्तरकाशी में फंसे मज़दूरों को निकालने के वक़्त भी ये काम आया. तब इसी विमान से ड्रिल मशीन वहां गई थी.ये 90 लोगों के साथ उड़ान भर सकता है. 64 सैनिकों को हथियार सहित ले जा सकता है. इस 4 इंजनों वाले विमान की लंबाई है 30 मीटर है.

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अमेरिका समेत 20 से अधिक देशों में होता है इस्तेमाल

इस विमान की ऊंचाई क़रीब 12 मीटर है.ये 19 टन वज़न उठा सकता है.जबकि यह 643 किलोमीटर की रफ़्तार से उड़ सकता है. और एक बार में 3,334 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है.अब इस विमान को अपग्रेड किया जा रहा है ताकि ये दुर्गम इलाक़ों में और बेहतर ढंग से अपने काम को अंज़ाम दे सके. अमेरिका समेत 20 से अधिक देशो में इसका बखूबी इस्तेमाल होता है. 2011 में इसको वायुसेना में शामिल किया गया. भारत के लिए यह किसी संकट मोचक से कम नहीं है . उत्तरकाशी में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए ड्रिल मशीन इसी विमान से भेजा गया था. 

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आपदा के दौरान जहां कहीं लोग फंस जाते हैं तो लोगों को निकालने के लिए इसी विमान का इस्तेमाल किया जाता है. देश में ही नहीं सूडान से भारतीयों को निकालना हो या फिर अफगानिस्तान से लोगों को सुरक्षित बाहर निकालना हो.  यह हर जगह वायु सेना का हिम्मत और हौसला बना रहा. यह विमान करीब 90 सामान्य यात्रियों या फिर 64 सैनिकों के साथ उड़ान भर सकता है. चार इंजन लगे हुए हैं. 

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