भगवंत खूबा को मंत्री बनाकर मोदी मंत्रिमंडल में लिंगायत समुदाय को दिया गया प्रतिनिधित्व

लिंगायत समुदाय को भारतीय जनता पार्टी उत्तरी कर्नाटक में अपना प्रमुख वोट आधार मानती है, सुरेश अंगड़ी की मृत्यु के बाद कैबिनेट में लिंगायत प्रतिनिधित्व खत्म हो गया था

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मोदी मंत्रिमंडल का बुधवार को विस्तार किया गया.
बेंगलुरु:

कांग्रेस के दिग्गजों को हराने वाले भगवंत खूबा (Bhagwanth Khuba) राजनीतिक रूप से प्रभावशाली लिंगायत समुदाय से हैं और इस समुदाय को भारतीय जनता पार्टी (BJP) उत्तरी कर्नाटक में अपना प्रमुख वोट आधार मानती है. दो बार के लोकसभा सदस्य खूबा के बुधवार को केंद्रीय मंत्री बनने को कैबिनेट में लिंगायत प्रतिनिधित्व को भरने के एक कदम के रूप में देखा जा रहा है. पिछले साल सितंबर में कोविड​​-19 के कारण सुरेश अंगड़ी की मृत्यु के बाद कैबिनेट में लिंगायत प्रतिनिधित्व खत्म हो गया था. अंगड़ी रेल राज्य मंत्री थे.

इंजीनियरिंग स्नातक खूबा (54) पारिवारिक व्यवसाय को संभाल रहे थे और उन्होंने 2014 में लोकसभा सदस्य बनने से पहले कभी भी चुनाव नहीं लड़ा था. उन्होंने इस क्षेत्र से राजनीतिक दिग्गज, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत एन धरम सिंह को बीदर सीट पर हराया था. उन्होंने 2019 में क्षेत्र में कांग्रेस के एक और दिग्गज ईश्वर बी खांडरे को हराकर फिर से इस सीट पर जीत दर्ज की थी.

एक जून, 1967 को बीदर के औरद में जन्मे खूबा ने श्री सिद्धगंगा प्रौद्योगिकी संस्थान, तुमकुरु से बीई (मैकेनिकल) डिग्री हासिल की. वह वर्तमान में कृषि पर स्थायी समिति, और सलाहकार समिति, रेल मंत्रालय के सदस्य हैं.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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