कर्नाटक HC के पांच अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थायी न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश

शीर्ष अदालत कॉलेजियम के तीन अप्रैल के प्रस्ताव के अनुसार, उच्च न्यायालय कॉलेजियम ने 20 जनवरी को सर्वसम्मति से सिफारिश की थी कि पांच अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जाए.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
नई दिल्ली:

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाले उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने केंद्र से कर्नाटक उच्च न्यायालय के पांच अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की है. तीन सदस्यीय कॉलेजियम ने यह भी सिफारिश की है कि न्यायमूर्ति गुरुसिद्दैया बसवराज को 16 अगस्त, 2024 से एक वर्ष के नए कार्यकाल के लिए कर्नाटक उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जाए. कॉलेजियम में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बीआर गवई भी शामिल हैं.

शीर्ष अदालत कॉलेजियम के तीन अप्रैल के प्रस्ताव के अनुसार, उच्च न्यायालय कॉलेजियम ने 20 जनवरी को सर्वसम्मति से सिफारिश की थी कि पांच अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जाए और अतिरिक्त न्यायाधीश बसवराज का कार्यकाल एक वर्ष की अतिरिक्त अवधि के लिए बढ़ाया जाए.

शीर्ष अदालत कॉलेजियम ने अपनी वेबसाइट पर अपलोड किए गए प्रस्ताव में उल्लेख किया, ‘‘कर्नाटक राज्य के मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने उपरोक्त सिफारिश पर अपनी सहमति व्यक्त की है.''

इसने कहा, ‘‘मामले के सभी पहलुओं पर विचार करने और उपरोक्त प्रस्ताव पर समग्र विचार करने के बाद, कॉलेजियम का विचार है कि न्यायमूर्ति चेप्पुडिरा मोनप्पा पूनाचा, न्यायमूर्ति अनिल भीमसेन कट्टी, न्यायमूर्ति चंद्रशेखर मृत्युंजय जोशी, न्यायमूर्ति उमेश मंजूनाथभट अडिगा और न्यायमूर्ति तलकाड गिरिगौड़ा शिवशंकर गौड़ा स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए जाने के लिए उपयुक्त एवं योग्य हैं.''

प्रस्ताव में कहा गया कि जहां तक ​​न्यायमूर्ति बसवराज का संबंध है, तो शीर्ष अदालत कॉलेजियम, उच्च न्यायालय कॉलेजियम की सिफारिश से पूरी तरह सहमत है और उसका मानना ​​है कि वह एक वर्ष के नए कार्यकाल के लिए अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने के योग्य हैं.

इसने कहा कि शीर्ष अदालत कॉलेजियम के प्रस्ताव पर दो सदस्यों ने हस्ताक्षर किए हैं क्योंकि न्यायमूर्ति गवई यात्रा पर हैं.

उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने कहा, ‘‘हालाँकि, उन्होंने मौखिक रूप से उपरोक्त प्रस्ताव पर अपनी सहमति व्यक्त की है. उनकी लिखित सहमति को उचित समय पर रिकॉर्ड में रखा जाएगा. कॉलेजियम के तीसरे सदस्य की लिखित सहमति की प्रतीक्षा किए बिना प्रस्ताव पर कार्रवाई की जा सकती है क्योंकि अतिरिक्त न्यायाधीशों में से एक का कार्यकाल 16 अप्रैल, 2024 को समाप्त होने वाला है.''
\

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Top 10 Sports Headlines: Champions Trophy का रास्ता हुआ साफ, Melbourne पर क्यों गुस्सा हुए Kohli ?