'असम में कैदी की तरह रखे गए बागी विधायक, NDTV ने सब दिखाया': शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे

ठाकरे ने कहा कि अब बागी विधायकों को लग रहा है कि उनका अपहरण किया गया है, लेकिन वो वहां अब कैदी की तरह हैं.

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नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में मचे सियासी घमासान के बीच शिवसेना सेना नेता आदित्य ठाकरे ने बागी विधायकों को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने रविवार को कहा कि असम में जो विधायक हैं उन्हें कैदी की तरह रखा गया है. इस दौरान एनडीटीवी पर दिखाए गए फुटेज का भी जिक्र किया. ठाकरे ने कहा कि अब बागी विधायकों को लग रहा है कि उनका अपहरण किया गया है, लेकिन वो वहां अब कैदी की तरह हैं. एनडीटीवी ने दिखाया था कि किस तरह से उन्हें जबरदस्ती बसों में ठूंस कर सूरत से गुवाहाटी पहुंचाया गया था.

इससे पहले आदित्य ठाकरे ने बागी विधायक एकनाथ शिंदे पर निशाना साधा था. उन्होंने रविवार को कहा कि असली टाइगर भागते नहीं हैं. असम में आज जो विधायक हैं, उनकी हालत कैदी की तरह है. आदित्य ने आगे कहा कि एकनाथ शिंदे में ठाणे में रहते हुए बगावत की हिम्मत नहीं थी, इसलिए वो पहले सूरत और फिर गुवाहाटी गए. खास बात ये है कि शिंदे पर आदित्य ठाकरे की ये टिप्पणी शिवसेना की बैठक के दौरान आई है. उधर, शिवसेना बागी विधायकों पर कार्रवाई के मूड में दिख रही है.  इस बीच, विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने बागियों को अयोग्य घोषित करने की शिवसेना की याचिका पर एकनाथ शिंदे समेत 16 बागी विधायकों को समन जारी कर जवाब मांगा है. शनिवार को जारी किए गए 'समन' में बागियों से 27 जून की शाम तक लिखित जवाब देने को कहा है.

इस प्रकरण पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने बागियों पर तंज कसा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, "कब तक छिपोगे गौहाटी में, आना ही पड़ेगा चौपाटी में." अपने ट्वीट के साथ उन्होंने विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल की एक तस्वीर भी लगाई है.  इससे पहले महाराष्ट्र विधान भवन सचिवालय ने वरिष्ठ मंत्री एकनाथ शिंदे समेत शिवसेना के 16 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने संबंधी अर्जी पर शनिवार को ‘समन' जारी कर उनसे 27 जून की शाम तक लिखित जवाब मांगा है. प्रधान सचिव राजेंद्र भागवत द्वारा हस्ताक्षरित, एक पत्र में शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु द्वारा नामित सभी 16 विधायकों को समन भेजा गया है.

इससे पहले, प्रभु ने गुवाहाटी में डेरा डाले शिंदे गुट के बागी विधायकों को बुधवार को यहां पार्टी की बैठक में शामिल होने के लिए कहा था, लेकिन उनमें से कोई भी नहीं आए. इसके बाद शिवसेना ने सचिवालय को दो पत्र सौंपे, जिसमें शिंदे सहित 16 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है.

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