भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन की द्विमासिक बैठक के बाद शुक्रवार को नीतिगत ब्याज दरों की घोषणा कर दी गई है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि समिति ने लगातार आठवीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. इस समय रेपो दर चार प्रतिशत और रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत है. यह लगातार आठवां मौका है जबकि केंद्रीय बैंक ने रेपो दर को यथावत रखा है. इसके साथ केंद्रीय बैंक ने कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेतों के बीच अपने मौद्रिक रुख को नरम बनाये रखने का भी फैसला किया है. रेपो रेट उस दर को कहते हैं, जिसपर आरबीआई बैंकों को शॉर्ट टर्म उधार देती है और रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते हैं, जिसपर वो बैंकों से उधार लेती है.
गवर्नर दास ने बताया कि समिति ने मार्केट सेंटीमेंट और फाइनेंशियल आउटलुक को देखते हुए लगातार आठवीं बार भी 'accommodative stance' यानी उदार रुख बनाए रखने का फैसला किया है. गवर्नर ने कहा कि इकॉनमिक आउटपुट अभी भी कोविड के पहले के स्तर से नीचे बना हुआ है. लेकिन मुद्रास्फीति का रुख उम्मीद से अधिक अनुकूल है और आर्थिक गतिविधियां धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रही हैं. हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स दिखाते हैं कि दूसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियां तेज हुई है.
आरबीआई ने इस बार जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में भी कोई बदलाव नहीं किया है. FY 2021-22 के लिए रियल GDP ग्रोथ का अनुमान 9.5% पर बनाए रखा गया है. मौजूदा वित्त वर्ष के लिए CPI Inflation (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) के 5.3% पर रहने का अनुमान है, पहले यह 5.7 फीसदी पर रखा गया था.. वहीं, मार्च, 2022 के अंत तक Retail Inflation यानी खुदरा मुद्रास्फीति 5.3 प्रतिशत पर रहेगी. दास ने कहा कि खाद्यान्नों के रिकॉर्ड उत्पादन के कारण आने वाले महीने में खाद्य मुद्रास्फीति कम बने रहने की उम्मीद है.