केंद्रीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी का शुक्रवार को आउटकम (RBI MPC Outcome) आ गया है. गवर्नर शक्तिकांत दास ने मॉनेटरी पॉलिसी की घोषणा की है. इस बार भी रेपो रेट (Repo Rate Unchanged) में कोई बदलाव नहीं किया गया है. रेपो दर चार प्रतिशत पर और रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर बरकरार रखी गई है. गवर्नर दास ने कहा कि आर्थिक सुधार के लिए नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है और जब तक जरूरी होगा, तब तक यही रुख बनाए रखा जाएगा. आरबीआई ने अप्रैल में हुई पिछली एमपीसी बैठक में प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था.
उन्होंने अर्थव्यस्था के लिए कुछ फैक्टरों को आशा की किरण बताया. उन्होंने कहा कि सामान्य मानसून का अनुमान, कृषि क्षेत्र की क्षमता और ग्लोबल रिकवरी के चलते घरेलू आर्थिक गतिविधियों में तेजी आ सकती है.
जीडीपी ग्रोथ अनुमान घटाया गया
जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को लेकर गवर्नर ने कहा कि वित्तवर्ष 2021-22 के लिए असल अनुमान 9.5 फीसदी रखा गया है. उन्होंने बताया कि रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 10.5 प्रतिशत से घटा कर 9.5 प्रतिशत कर दिया है. वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सीपीआई इंफ्लेशन (कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स या खुदरा मुद्रास्फीति) का अनुमान 5.1% पर किया गया है.
कुछ और सेक्टरों के लिए खोला गया लिक्विडिटी विंडो
गवर्नर ने बताया कि दूसरी लहर के प्रभावों को कम करने के लिए एक अलग से 15,000 करोड़ का लिक्विडिटी विंडो खोला जा रहा है. जिसके तहत बैंक होटल-रेस्टोरेंट, टूरिज्म सेक्टर वगैरह को उधार दे सकेंगे. यह योजना 31 मार्च, 2021 तक लागू रहेगी.
इसके अलावा MSMEs को और सपोर्ट देने के लिए SIDBI को 16,000 करोड़ की लिक्विडिटी फैसलिटी दी जाएगी.
वैक्सीनेशन से मिलेगी गति
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के चलते कई प्रतिबंध लगे हैं. लेकिन पहली लहर के मुकाबले इस बार आर्थिक गतिविधियां उतनी प्रभावित नहीं हुई हैं. लोग और बिजनेस महामारी में काम करने के तौर-तरीकों को अपना रहे हैं. उन्होंने कहा है कि आने वाले महीनों में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया और तेज होगी, जिससे आर्थिक गतिविधियों को तेजी मिलेगी.
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि केंद्रीय बैंक 17 जून को 40 हजार करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद करेगा. दूसरी तिमाही में 1.20 लाख करोड़ रुपये की प्रतिभूति खरीदी जाएंगी.
2-4 जून तक कमिटी की बैठक चली थी. माना जा रहा था कि इस बार भी केंद्रीय बैंक दरों को स्थिर रख सकता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर के चलते आरबीआई स्थिति को यथावत रखने का रुख अपना सकता है. मई में आरबीआई की एनुअल रिपोर्ट में ऐसा ही रुख दिखा था.