RBI की मौद्रिक नीति का ऐलान, रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं

RBI MPC Announcements: बता दें कि तीन दिन तक चलने वाली बैठक में केंद्रीय बैंक ने महंगाई को चार प्रतिशत पर लाने और वैश्विक अनिश्चितता के बीच आर्थिक वृद्धि को गति देने के मकसद से नीतिगत दर को यथावत रखा गया है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की GDP की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है.
नई दिल्ली:

भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की द्विमासिक समीक्षा बैठक के नतीजे का ऐलान कर दिया गया है. आज यानी शुक्रवार को रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली एमपीसी के फैसले की घोषणा की गई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा.

यह लगातार सातवां मौका है जबकि रेपो दर में बदलाव नहीं किया गया है. रेपो वह ब्याज दर है, जिसपर वाणिज्यिक बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं. आरबीआई मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिये इसका उपयोग करता है. रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का मतलब है कि आपके होम लोन, कार लोन समेत विभिन्न कर्जों पर मासिक किस्त यानी ईएमआई (EMI) में बदलाव की संभावना कम है.

बता दें कि तीन दिन तक चलने वाली बैठक में केंद्रीय बैंक ने महंगाई को चार प्रतिशत पर लाने और वैश्विक अनिश्चितता के बीच आर्थिक वृद्धि को गति देने के मकसद से नीतिगत दर को यथावत रखा गया है.

 इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने 2024-25 के लिए जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर के सात प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया है. वहीं खुदरा मुद्रास्फीति के 2024-25 में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है.

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बुधवार को शुरू हुई तीन दिन की बैठक में किये गये निर्णय की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘एमपीसी ने मौजूदा स्थिति पर गौर करते हुए नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का फैसला किया है.''


उन्होंने कहा कि इसके साथ एमपीसी सदस्यों ने लक्ष्य के अनुरूप खुदरा महंगाई को लाने के लिए उदार रुख को वापस लेने के अपने निर्णय को भी कायम रखने का फैसला किया है.आरबीआई को खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है. इसको लेकर उन्होंने कहा कि एमपीसी मुद्रास्फीति को आरबीआई के चार प्रतिशत के लक्ष्य के अनुरूप करने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ रहेगी.

रिजर्व बैंक ने फरवरी, 2023 में रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया था. उससे पहले मई, 2022 से लगातार छह बार में नीतिगत दर में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि की गयी थी.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर राजनीतिक तनाव, व्यापारिक मार्ग पर बाधाओं से चिंता बनी हुई है. हालांकि, आरबीआई महत्वपूर्ण आर्थिक मुद्दों से निपटने और जरूरी कदम उठाने के लिए बेहतर स्थिति में है.

Advertisement

शक्तिकान्त दास ने कहा क भारतीय रुपया अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्रा की तुलना में काफी हद तक एक दायरे में है. 2023 में इसमें सबसे कम अस्थिरता देखी गई है.

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि फरवरी में खाद्य मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ा है और एमपीसी मुद्रास्फीति के जोखिम के प्रति सतर्क है. उन्होंने कहा कि  ग्रामीण मांग रफ्तार पकड़ रही है.जिससे वित्त वर्ष 2024-25 में उपभोग से आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिलेगा.
 

Advertisement
Featured Video Of The Day
BREAKING: Sheikh Hasina की वापसी को लेकर Bangladesh Government ने भारत सरकार को भेजी चिट्ठी
Topics mentioned in this article