भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बेंगलुरु में विपक्षी पार्टियों की बैठक को लेकर निशाना साधा है. उन्होंने इस बैठक को अवसरवादियों का गठबंधन बताया और सवाल किया कि यह अवसरवादी गठबंधन किस हद तक जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर भी हमला बोला और आरोप लगाया कि कांग्रेस बंगाल की बाढ़ और पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा पर चुप है. उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में विपक्षी पार्टियों की बैठक हो रही है, लेकिन यह पीड़ादायक है कि दिल्ली के लोगों को बाढ़ में छोड़कर केजरीवाल चले गए. लोगों को पानी की दिक्कत है.
रविशंकर प्रसाद ने दिल्ली की बाढ़ के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस ने अभी तक बाढ़ पर कुछ नहीं कहा है. उन्होंने पूछा कि कांग्रेस सवाल क्यों नहीं पूछ रही है? उन्होंने कहा कि फ्लड कंट्रोल का काम, नालों की सफाई कुछ नहीं हुआ.
इसके साथ ही उन्होंने इस गठबंधन को अवसरवादी बताते हुए कहा कि यह अवसरवादी गठबंधन किस हद तक जाएगा? उन्होंने कहा कि यह 'गिव एंड टेक' का गठबंधन है.
उन्होंने कहा कि बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान नामांकन-प्रचार तक नहीं करने दिया गया और धमकी दी गई. उन्होंने कहा कि इसमें भाजपा कार्यकर्ता मारे गए तो कांग्रेसी भी मारे गए. बंगाल हिंसा पर कांग्रेस क्यों नहीं बोलती. उन्होंने सीपीएम को लेकर भी सवाल उठाए और कहा कि इस मुद्दे पर येचुरी क्यों नहीं बोलते. उन्होंने कहा कि बंगाल के करप्शन और हिंसा पर भी यह दोनों चुप हैं.
'अवसरवादी राजनीति पर बात होगी?'
उन्होंने कहा कि दिल्ली की बाढ़ पर कांग्रेस चुप है, बंगाल की हिंसा पर कांग्रेस और सीपीएम चुप है. तमिलनाडु के करप्शन पर चुप है. तो क्या इसी अवसरवादी राजनीति पर बेंगलुरु पर बात होगी?
'बालाकोट जैसा जवाब देना होगा तो...'
भाजपा नेता ने सवाल किया, "बालाकोट जैसा जवाब देना होगा तो क्या गठबंधन की बैठक बुलाई जाएगी, नीतीश जी से पूछा जाएगा, ममता जी से पूछा जाएगा?"
पवार साहब से कुनबा नहीं संभल रहा : प्रसाद
एनसीपी की बगावत को लेकर भाजपा पर लग रहे आरोपों का भी रविशंकर प्रसाद ने जवाब दिया. उन्होंने शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा कि पवार साहब से कुनबा नहीं संभलता तो हम क्या करें. यह उनकी आपस की लड़ाई है.
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