कन्नड़ एक्ट्रेस रान्या राव को गोल्ड स्मगलिंग मामले में 3 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद उनके पति जतिन हुक्केरी ने गिरफ्तारी से छूट के लिए अदालत में याचिका दायर की है. कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 11 मार्च को फैसला सुनाया कि अगली सुनवाई तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए. दरअसल, रान्या राव की गिरफ्तारी के बाद उन्हें लगा था कि राव के साथ उनके रिश्ते के चलते उन्हें भी पुलिस हिरासत में ले सकती है और इसी वजह से उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया था.
नवंबर 2024 में जतिन हुक्केरी से रान्या राव ने की थी शादी
जतिन हुक्केरी के वकील प्रभुलिंग नवदगी ने कोर्ट को बताया कि हुक्केरी ने नवंबर 2024 में राव से शादी की थी लेकिन कुछ पर्सनल कारणों की वजह से दोनों दिसंबर से ही अनौपचारिक रूप से अलग हो गए थे. अपने अलवाग के आधिकारिक दस्तावेजों की कमी के बाद भी हुक्केरी ने कहा कि वह दिसंबर दिसंबर से ही एक दूसरे के साथ नहीं रह रहे हैं. सोने की तस्करी मामले की जांच कर रहे राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने कहा कि वो 24 मार्च को हुक्केरी की याचिका पर आपत्ति दर्ज करेंगे. तब तक उच्च न्यायालय ने हुक्केरी के खिलाफ किसी भी तत्काल कार्रवाई को रोकने के अपने पहले के आदेश को बरकरार रखा है.
हुक्केरी का नाम इस मामले में तब सामने आया जब रान्या राव के पिता और आईपीएस अधिकारी रामचंद्र राव ने दावा किया कि उनकी बेटी ने शादी के बाद अपने परिवार से दूरी बना ली है. कर्नाटक राज्य पुलिस आवास और अवसंरचना विकास निगम के प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यरत रामचंद्र राव ने रान्या की गिरफ्तारी के बाद ये टिप्पणी की.
रान्या राव की गिरफ्तारी और जमानत याचिका
बता दें कि रान्या राव को 3 मार्च 2025 को बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दुबई से 12 करोड़ रुपये मूल्य के 14.8 किलो सोने की तस्करी करते हुए गिरफ्तार किया गया था. आर्थिक अपराधों के लिए विशेष अदालत ने हाल ही में आरोपों की गंभीरता का हवाला देते हुए उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी. इसके जवाब में राव ने सत्र न्यायालय में एक नई जमानत याचिका दायर की है.
डीआरआई अधिकारियों के खिलाफ दुर्व्यवहार के आरोप
इसी बीच रान्या राव ने डीआरआई अधिकारियों पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है. उन्होंने डीआरआई के अतिरिक्त महानिदेश को लिखे पत्र में दावा किया है कि हिरासत में रहते हुए उन्हें कई बार थप्पड़ मारे गए, खाना नहीं दिया गया और खाली कागजों पर साइन करने के लिए भी मजबूर किया गया. उन्होंने खुद को निर्दोष बताया है और कहा है कि उन्हें इस मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है. डीआरआई के अतिरिक्त निदेशक अभिषेक चंद्र गुप्ता की शिकायत के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोने की तस्करी मामले में एफआईआर दर्ज की है.