रामलला प्राण-प्रतिष्ठा समारोह: आमंत्रित लोगों में आंबेडकर, जगजीवन राम, कांशीराम के परिजन शामिल

सूत्रों ने बताया कि ‘राम जन्मभूमि आंदोलन’ के दौरान मारे गए ‘कारसेवकों’ के परिवार के सदस्यों को भी इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया है.

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अयोध्या में राम मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी.
नई दिल्ली:

बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर, बाबू जगजीवन राम और कांशीराम के परिवार के सदस्यों तथा अनुसूचित जाति के अन्य ‘प्रमुख लोगों' को 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले ‘रामलला प्राण-प्रतिष्ठा' समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है. सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि ‘राम जन्मभूमि आंदोलन' के दौरान मारे गए ‘कारसेवकों' के परिवार के सदस्यों को भी इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया है. इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मौजूद होंगे.

सूत्रों ने कहा कि देशभर से किसानों, मजदूरों और हजारों संतों के भी समारोह में शामिल होने की उम्मीद है. एक सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया, ‘‘मेजबान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को छोड़कर, किसी अन्य मुख्यमंत्री को 'प्राण-प्रतिष्ठा' समारोह के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है.''

सूत्र ने यह भी बताया कि 'किसी राज्य या केंद्र में मंत्री होने के नाते नेताओं को आमंत्रित नहीं किया गया है.'

सूत्र ने कहा कि आमंत्रित लोगों की सूची में उच्चतम न्यायालय के तीन सेवानिवृत्त प्रधान न्यायाधीश, सेना के तीनों अंगों के सेवानिवृत्त प्रमुख, पूर्व राजदूत, शीर्ष नौकरशाह, ‘प्रमुख पदों' पर आसीन भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी और ‘नोबेल पुरस्कार से सम्मानित लोग' शामिल हैं.

सूत्र ने कहा, ‘‘प्रमुख राजनीतिक दलों के अध्यक्षों और सभी दलों के अयोध्या स्थित प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है.''

सूत्रों ने बताया कि इस समारोह में आदिवासी समुदाय और खानाबदोश जातियों के ‘प्रमुख लोगों' के साथ-साथ उद्योगपतियों और उद्यमियों को भी आमंत्रित किया गया है.

सूत्र ने बताया, ‘‘अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए कुछ स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों और भारत रत्न, परमवीर चक्र, पद्म पुरस्कारों से सम्मानित व्यक्तियों के साथ-साथ प्रमुख शिक्षाविदों, बुद्धिजीवियों, कवियों, कलाकारों, साहित्यकारों, किसानों, मजदूरों और खिलाड़ियों को आमंत्रित किया गया है.''

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सूत्र ने कहा, ‘‘कथाकारों, मठों और मंदिरों के न्यासियों, 150 से अधिक परंपराओं के पुजारियों, नेपाल के 'संत समाज' के प्रमुख लोगों के साथ-साथ जैन, बौद्ध और सिख समुदायों के प्रतिनिधियों और प्रमुख दानदाताओं को भी आमंत्रित किया गया है.''

सूत्रों ने बताया कि आमंत्रित लोगों में 50 अलग-अलग देशों में रहने वाले हिंदू समाज के 55 लोग शामिल हैं. राम मंदिर ट्रस्ट ने 22 जनवरी के समारोह के लिए आमंत्रित सभी लोगों के लिए भोजन, ठहरने और स्थानीय परिवहन की व्यवस्था की है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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