हिमाचल प्रदेश की एक मात्र राज्यसभा सीट (Himachal Rajya Sabha Seat Congress) पर कांग्रेस को करारा झटका लगा है, बीजेपी के यह सीट जीतने के बाद राज्य में सरकार बचाने का संकट खड़ा हो गया है. बीजेपी के विधायक पूर्व मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आज राज्यपाल से मिलने हिमाचल राजभवन पहुंचे. राज्यपाल से मिलने के बाद जयराम ठाकुर ने बताया कि उनको घटनाक्रम की जानकारी दी गई है. बजट सत्र के दौरान बजट पारित करने के लिए डिवीजन ऑफ वोट की मांग की गई है. उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि इस सरकार को सत्ता में रहने का अधिकार ही नहीं है. इस बीच कांग्रेस ने डैमेज कंट्रोल करते हुए दोनों पर्यवेक्षक भूपिंदर सिंह हुड्डा और डीके शिवकुमार को शिमला भेजा है. विधायकों को नोटिस देकर दोपहर एक बजे तक जवाब मांगा गया है.
जयराम ठाकुर ने कहा कि आज सरकार को बजट पास करना है, हम अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं और हम डिवीजन मांगेंगे.साथ ही उनका कहना है कि हमारे विद्यायको को सस्पेंड किया जा सकता हैं. कुछ कांग्रेस विधायकों के खिलाफ दलबदल कानून के तहत कार्रवाई हो सकती है. बता दें कि हिमाचल प्रदेश के लिए अगर बजट पास नहीं हो पाया तो सुक्खू सरकार गिर जाएगी. वहीं राज्य में जारी संकट के बीच कांग्रेस के लिए दो पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं. बीजपी सुक्खू सरकार के फ्लोर टेस्ट की मांग कर रही है. राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Elections 2024) में बीजेपी उम्मीदवार की जीत के बाद, हिमाचल प्रदेश की राजनीतिक में उथल-पुथल देखने को मिल रही है.
"सुक्खू सरकार ने खोया सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार"
राज्य बीजेपी विधायक दल बुधवार सुबह राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात कर उनसे सुक्खू सरकार के शक्ति परीक्षण के लिए अपील कर रहा है. राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात पर हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा, ''हाल ही में हिमाचल प्रदेश में जो घटनाक्रम हुआ, उसके राजनीतिक दृष्टिकोण से यह कहा जा सकता है कि राज्य सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है.''
ये भी पढ़ें-Explainer : क्या होती है क्रॉस वोटिंग? जिसने राज्यसभा चुनाव में UP में सपा और हिमाचल में बिगाड़ा कांग्रेस का खेल
हिमाचल की राज्यसभा सीट पर कांग्रेस की हार
हिमाचल में क्रॉस वोटिंग का असर कांग्रेस पर देखने को मिला है. कांग्रेस ने राज्य में अपनी एकमात्र राज्यसभा सीट गंवा दी है. कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को बीजेपी के हर्ष महाजन के हाथों करारी हार मिली है. कांग्रेस के 6 विधायकों की क्रॉस वोटिंग की वजह से पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी हो गई वहीं निर्दलीय 3 विधायकों ने भी कांग्रेस का साथ नहीं दिया. सवाल यह भी खड़ा हो गया है कि क्या राज्यसभा सीट गंवाने के बाद सुक्खू सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं.
सुक्खू सरकार के फ्लोर टेस्ट की मांग
बीजेपी अब सुक्खू सरकार के फ्लोर टेस्ट की मांग कर रही है, शायद इसी मांग को लेकर बीजेपी नेता राज्यपाल से मिल रहे हैं. बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ, जब राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार की हार-जीत का फैसला पर्ची डालकर करना पड़ा, क्यों कि दोनों ही दलों के उम्मीदवारों को एक बराबर वोट मिले थे. पर्ची डालने के बाद भी कांग्रेस हार गई और बीजेपी के हर्ष महाजन राज्यसभा चुनाव जीत गए.
हिमाचल में क्रॉस वोटिंग ने बिगाड़ा कांग्रेस का 'खेल'
यूपी, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश की कुल 15 राज्यसभा सीटों पर मंगलवार (27 फरवरी) को चुनाव हुए. इनमें से बीजेपी ने कुल 10 सीटें जीत ली हैं. बीजेपी को यूपी की 10 सीटों में से 8 पर जीत मिली. कर्नाटक की एक सीट पर भी पार्टी ने जीत हासिल की. बीजेपी ने हिमाचल की एकमात्र सीट भी जीत ली है. कांग्रेस को कर्नाटक की 3 सीटों पर जीत मिली. यूपी की 2 सीट पर सपा ने कब्जा जमाया. राज्यसभा चुनाव में वोटिंग से ज्यादा 'क्रॉस वोटिंग' (Cross Voting) शब्द ज्यादा चर्चा में है. यूपी में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और कर्नाटक-हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस (Congress) के कई विधायकों ने पार्टी लाइन हटकर से वोटिंग की.