राजस्‍थान राज्‍यसभा चुनाव : सीएम अशोक गहलोत कांग्रेस के नए 'चाणक्‍य' बनकर उभरे

राजस्थान का राज्यसभा का चुनावी गणित कुछ इस तरह है. यहां 200 सदस्‍यीय विधानसभा है और कांग्रेस के पास 108 विधायक हैं, साथ में 13 निर्दलीय, 3 आरएलपी और 1 आरएलडी का विधायक है यानी 125 विधायक.

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सीएम अशोक गहलोत ने खुद के बेहतरीन रणनीतिकार साबित किया है
नई दिल्‍ली:

Rajya Sabha Elections: राजस्थान में राज्यसभा का चुनाव बेहद रोमांचक दौर में हैं. रोज वहां से नई नई खबरें आ रही हैं, यही वजह है कि कांग्रेस मे अपने और सहयोगियों के विधायकों को उदयपुर के एक पांच सितारा रिजॉर्ट में रखा हुआ है. राजस्थान का राज्यसभा का चुनावी गणित कुछ इस तरह है. यहां 200 सदस्‍यीय विधानसभा है और कांग्रेस के पास 108 विधायक हैं, साथ में 13 निर्दलीय, 3 आरएलपी और 1 आरएलडी का विधायक है यानी 125 विधायक. मुख्‍य विपक्षी पार्टी बीजेपी के पास 71 विधायक हैं और दोनों धड़ों से अलग बीटीपी के 2 और सीपीएम के 2 विधायक हैं. यहां एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 41 वोट चाहिए. 

कांग्रेस के तरफ से रणदीप सुरजेवाला,मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी मैदान में हैं यानी कांग्रेस को जीत के लिए 123 विधायक चाहिए, लेकिन आरएलपी के हनुमान बेनीवाल ने अपने आरएलपी के तीन विधायकों का सर्मथन बीजेपी समर्थित सुभाष चंद्रा को देने की जानकारी ट्वीट के जरिए दी है. ऐसे में कांग्रेस की संख्या 122 ही रह जाती है जबकि तीनों उम्मीदवार की जीत के लिए उसे चाहिए 123 वोट. इसको देखते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) एक्शन में आए और सीपीएम के 2 व बीटीपी के 2 विधायकों को समझाया बुझाया और दोनों दलों ने समर्थन कांग्रेस को देने की घोषणा कर दी. यानी कांग्रेस के पास 126 विधायक हैं. निर्दलीय में से एक और विधायक बलजीत यादव से भी बात चल रही है और वोटिंग के पहले संभवत: वो भी कांग्रेस खेमे में आ जाएंगे यानी127 वोट.

अब बीजेपी की बात करते हैं उसके पास 71 वोट हैं उसमें से 41 वोट बीजेपी के आधिकारिक उम्मीदवार घनश्याम तिवाडी को जाएंगे और बचे हुए 30 वोट एक बड़े टीवी नेटर्वक के मालिक सुभाष चंद्रा को जाएंगे जो बीजेपी के सहयोग से निर्दलीय के तौर पर चुनाव मैदान में हैं. सुभाष चंद्रा बड़े बड़े दावे कर रहे हैं कि कई निर्दलीय उनके साथ हैं, कई विधायक अंदर-अंदर उन्हें समर्थन दे रहे हैं और ऐन मौके पर सामने आएंगे क्योंकि राज्य सभा में गुप्त मतदान नहीं होता है सबको दिखाकर वोट करना पड़ता है..यदि आंकड़ों को देखें तो सुभाष चंद्रा  के खाते में बीजेपी के 30 और आरएलपी के 3 वोट जोड़ दें तो भी वे जीत के आंकड़े से 8 वोट दूर हैं. ऐसे में लगता है कि गहलोत ने अपने समर्थित विधायकों की उदयपुर में खातिरदारी करके और सबको इकट्ठा करके दिखा दिया है कि वो बीजेपी और सुभाष चंद्रा के किसी भी दांव से दो कदम आगे चल रहे हैं. राज्यसभा का चुनाव 10 जून को होना है.

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