भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता किरण चौधरी ने हरियाणा से राज्यसभा उपचुनाव के लिए बुधवार को पार्टी उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया. जननायक जनता पार्टी (जजपा) के कुछ बागी विधायकों ने भी उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया. चौधरी के नामांकन पत्र दाखिल करने के समय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल बडौली, पार्टी के कई विधायक, राज्य के लिए पार्टी के सह चुनाव प्रभारी बिप्लब कुमार देब और जजपा के कुछ बागी मौजूद थे.
राज्यसभा उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का बुधवार को आखिरी दिन है. मुकाबले की स्थिति में भाजपा के पास संख्या बल है. विपक्ष के उम्मीदवार उतारने की संभावना नहीं है. ऐसे में चौधरी का उच्च सदन में निर्विरोध प्रवेश करना तय है. कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पहले कहा था कि उनकी पार्टी राज्यसभा सीट के लिए उम्मीदवार नहीं उतारेगी क्योंकि उनके पास पर्याप्त संख्या नहीं है. चौधरी के नामांकन दाखिल करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि भाजपा विधायकों के अलावा, अन्य दलों के कुछ विधायकों ने भी भाजपा उम्मीदवार को समर्थन दिया है.
उन्होंने कहा, "जोगी राम सिहाग, राम निवास सुरजाखेड़ा, राम कुमार गौतम और अनूप धानक (जजपा के बागी), नयन पाल रावत (निर्दलीय विधायक) और (हरियाणा लोकहित पार्टी प्रमुख) गोपाल कांडा ने अपना समर्थन पत्र दिया है." एक सवाल के जवाब में सैनी ने कहा कि हरियाणा में राज्यसभा उपचुनाव के लिए चौधरी की उम्मीदवारी को लेकर पार्टी एकमत है. मुख्यमंत्री ने कहा कि चौधरी को राजनीति में लंबा अनुभव है और राज्य के लिए उनका एक दृष्टिकोण है.
हरियाणा की पूर्व मंत्री चौधरी (69) जून में अपनी बेटी श्रुति और उनके समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हुई थीं. चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, मनोहर लाल खट्टर, पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व और हरियाणा के मुख्यमंत्री सैनी को उनके नामांकन के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने भाजपा और अन्य दलों के विधायकों को भी धन्यवाद दिया जिन्होंने उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया. एक सवाल के जवाब में चौधरी ने कहा कि उन्होंने भले ही कांग्रेस में 45 साल बिताए हों लेकिन अब वह भाजपा के साथ हैं और अपनी अंतिम सांस तक पार्टी की सेवा करेंगी.
भाजपा की राज्यसभा उम्मीदवार ने कहा कि वह चौधरी बंसीलाल के परिवार से ताल्लुक रखती हैं, जिन्होंने 1990 के दशक में भाजपा के साथ गठबंधन में हरियाणा में सरकार चलाई थी. उन्होंने कहा, "भाजपा के साथ हमारे पुराने संबंध हैं और मैं उनकी नीतियों से प्रभावित थी. भाजपा राज्य और राष्ट्र हित में काम करती है और इससे जुड़ना मेरा सौभाग्य है." चौधरी ने कांग्रेस छोड़ने के करीब दो महीने बाद मंगलवार को विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था. इसके तुरंत बाद भाजपा ने उन्हें उपचुनाव के लिए अपना उम्मीदवार बनाया था.
कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा के रोहतक लोकसभा सीट से निर्वाचित होने के बाद हरियाणा में राज्यसभा की एकमात्र सीट पर उपचुनाव की जरूरत पड़ी. नौ राज्यों में राज्यसभा की 12 रिक्त सीटों के लिए चुनाव 3 सितंबर को होंगे. नामांकन पत्रों की जांच 22 अगस्त को होगी जबकि उम्मीदवार 27 अगस्त तक अपना नामांकन वापस ले सकते हैं. यदि आवश्यक हुआ तो हरियाणा विधानसभा सचिवालय में 3 सितंबर को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान होगा. चौधरी के विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद 90 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 41, कांग्रेस के 28 और जजपा के 10 सदस्य हैं. विधानसभा में पांच निर्दलीय विधायक हैं, इनेलो और हरियाणा लोकहित पार्टी (एचएलपी) के एक-एक सदस्य हैं और चार सीट खाली हैं.