- राजनाथ सिंह ने मई में हुए ऑपरेशन सिंदूर को तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप से स्थगित होने से साफ इंकार किया है
- उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष द्विपक्षीय मामला है और किसी बाहरी हस्तक्षेप को भारत स्वीकार नहीं करता है
- राजनाथ सिंह ने कहा कि यदि भविष्य में कोई आतंकी वारदात होती है तो ऑपरेशन सिंदूर फिर से शुरू किया जाएगा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मई महीने में भारत पाकिस्तान संघर्ष में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के दावों से साफ इनकार किया है. उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ शुरू किया गया ऑपरेशन सिंदूर किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के कारण स्थगित नहीं किया गया था. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही साफ कर चुके हैं कि यह एक द्विपक्षीय मुद्दा है और भारत किसी बाहरी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करता है.
ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा- “कुछ लोग ऐसे हैं जो कहते हैं कि यह जो सीजफायर हुआ है किसी के हस्तक्षेप के कारण हुआ है, मैं साफ कह देना चाहता हूं कि किसी के हस्तक्षेप के कारण आतंकियों पर कार्रवाई स्थगित नहीं की गई थी, ऑपरेशन सिंदूर अभी स्थगित आगे यदि कोई आतंकी वारदात होती है तो फिर से ऑपरेशन सिंदूर शुरू होगा.”
रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार के ताजा बयान का जिक्र कर कहा कि डार ने भी साफ कहा है इंडिया रिजेक्टेड थर्ड पार्टी रोल टू एंड द कन्फ्लिक्ट, यह द्विपक्षीय मामला है कोई तीसरा पक्ष हमारे मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता.
राजनाथ सिंह ने सेना के जवानों की कार्रवाई की सराहना भी की. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने पहलगाम आकर धर्म पूछ कर हमारे लोगों को मारा, लेकिन हमारी सेना के जवानों ने उनको मारा तो धर्म पूछ कर नहीं मारा, बल्कि कर्म देख कर मारा है, यह भारत और पाकिस्तान के बीच सबसे बड़ा मौलिक अंतर है.
राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का उल्लेख करते हुए जैश ए मोहम्मद के कमांडर मोहम्मद इलियास कश्मीरी के ताजा वीडियो की बात की. उन्होंने कहा कि जैश ए मोहम्मद के कमांडर ने स्वीकार किया है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बहावलपुर में हुए हमले में खूंखार आतंकी मसूद अजहर के परिवार के टुकड़े टुकड़े हो गए थे.
राजनाथ ने कहा कि हमारा धैर्य हमारी ताकत है, इसे कमजोरी के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए, जैसे बातचीत से समाधान न निकलने पर सरदार पटेल ने हार्ड पावर का रास्ता चुना, वैसे ही हमने भी किया है.
“चाहे 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक हो, 2019 की बालाकोट एयर स्ट्राइक, या फिर 2015 का ऑपरेशन सिंदूर, भारत ने साबित किया है जो लोग बातचीत या सद्भावना की भाषा नहीं समझते हैं उन्हें हम उसी भाषा में जवाब देना जानते हैं जिसे वो समझते हैं.” राजनाथ ने कहा कि आज का भारत केवल बातचीत की टेबल पर नहीं बल्कि दुश्मन की आंखों में आंख डाल कर जवाब देने में सक्षम है. राजनाथ ने यह भी कहा कि दुनिया के सबसे धनी और सबसे शक्तिशाली लोगों को यह समझ लेना चाहिए कि भारत ने कभी किसी शक्ति के सामने सिर नहीं झुकाया है और न भविष्य में कभी झुकाएगा.
इस कार्यक्रम में जुबली बस स्टेशन के पास कैंटोनमेंट पार्क में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण भी किया गया. समारोह में केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी, गजेंद्र सिंह शेखावत और बंदी संजय कुमार सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.
यह समारोह तेलंगाना में इस दिवस के स्वरूप को लेकर लंबे समय से चल रही राजनीतिक बहस के बीच मनाया जा रहा है. बीजेपी और केंद्र सरकार इसे 'मुक्ति दिवस' के रूप में मनाती हैं, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार इसे 'तेलंगाना प्रजा पालन दिवस' के तौर पर मनाती है.