रजनीकांत और कमल हासन मशहूर कलाकार पर सियासत में असर नहीं छोड़ पाए : कांग्रेस नेता

कांग्रेस नेता ने कहा कि रजनीकांत और कमल हासन मशूहर फिल्मी सितारे हैं लेकिन अपने राजनीतिक विचारों से जनता के नजरिये को प्रभावित नहीं कर सके. हिंदी सिनेमा में भी अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना पसंदीदा सितारे रहे लेकिन सियासत में नाकाम साबित हुए.

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मणि शंकर अय्यर अपने बेबाक बयानों के लिए रहे हैं मशहूर (फाइल)
नई दिल्ली:

अपने बयानों के लिए मशहूर कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर (Mani Shankar Aiyar) ने अभिनय की दुनिया से राजनीति में कदम रखने वाले कलाकार रजनीकांत और कमल हासन को लेकर टिप्पणी की है. अय्यर ने कहा कि रजनीकांत और कमल हासन (Rajinikanth and Kamal Hasan) सियासत में हाशिये के खिलाड़ी हैं. ये कलाकार अपने राजनीतिक विचारों से लोगों के नजरिये पर असर डालने में असमर्थ हैं. अय्यर तमिलनाडु चुनाव के लिए गठित कांग्रेस की तीन प्रमुख समितियों में नामित किए गए हैं. अय्यर ने कहा कि अभिनेता रजनीकांत का चुनावी राजनीति में नहीं उतरने के फैसले का कोई असर नहीं पड़ने वाला है, क्योंकि तमिलनाडु विधानसभा चुनाव (Tamilnadu assembly Election) के लिए तैयार है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कमल हासन और रजनीकांत हाशिये के सियासी खिलाड़ी से अधिक और कुछ नहीं हैं. उन्होंने कहा कि पुराने दिनों की बात अलग थी, जब फिल्मी दुनिया से जुड़े एमजी रामचंद्रन (एमजीआर), शिवाजी गणेशन और यहां तक कि जयललिता ने एक क्रांतिकारी सामाजिक संदेश दिया. तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि और सीएन अन्नादुरई भी सिनेमा जगत से जुड़े थे. अन्नादुरई के लिखे बेहद दमदार डायलॉग और उन्हें शानदार तरीके से प्रस्तुत करने वाले करुणानिधि ने 1950 के दशक में तमिल फिल्म जगत में वही भूमिका निभाई, जिस तरह मौजूदा दौर में उत्तर भारत में सोशल मीडिया राजनीति की दशा-दिशा तय कर रहा है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि रजनीकांत और कमल हासन ने कभी सिनेमा का उपयोग राजनीतिक संदेश देने के रूप में नहीं किया. दोनों बहुत मशूहर फिल्मी सितारे लेकिन अपने राजनीतिक विचारों से जनता के के नजरिये को प्रभावित नहीं कर सके. उन्होंने तर्क दिया कि हिंदी सिनेमा में भी अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना पसंदीदा सितारे रहे लेकिन सियासत में नाकाम साबित हुए. कांग्रेस नेता ने कहा कि ठीक यही बातें दक्षिण में भी लागू होती है. रजनीकांत ने हाल ही में खराब स्वास्थ्य की वजह से चुनावी राजनीति में कदम नहीं रखने का निर्णय लिया था.

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वहीं हासन ने फरवरी 2018 में अपने राजनीतिक दल मक्कल निधी मैयम (MNM) की शुरुआत की थी. हासन ने 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन वह एक भी सीट जीतने में कामयाब नहीं हुए. हालांकि तमिलनाडु विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रचार में जुटे कमल हासन डीएमके और एआईएडीएमके पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर निशाना साध रहे हैं.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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