"मुझे सच बोलने की सज़ा...", महिलाओं के मुद्दे पर अपनी ही गहलोत सरकार को घेरने वाले राजेंद्र गुढ़ा

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार रात प्रदेश के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को बर्खास्त कर दिया. गुढ़ा ने शुक्रवार को विधानसभा में महिला अत्याचार के मुद्दे पर अपनी ही सरकार को घेरा था, इसके कुछ ही घंटे बाद यह कार्रवाई हुई है.

Advertisement
Read Time: 16 mins

(

नई दिल्ली:

अशोक गहलोत द्वारा बर्खास्त किए जाने के बाद राजेंद्र गुढ़ा ने अपनी नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि हमने गहलोत सरकार को बचाने में मदद की. मैंने बसपा की टिकट पर चुनाव लड़ा और फिर कांग्रेस में विलय कर लिया. मैं कल केवल अन्याय के खिलाफ बात की थी, ये सचिन पायलट के समर्थक होने के बारे में नहीं है. मुझे सच बोलने की सज़ा मिली है. 

उन्होंने कहा कि हम परीक्षा और पेपर लीक के बारे में कुछ नहीं कर पाए हैं. इस राज्य के युवा निराश हैं. गौरतलब है कि  राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार रात प्रदेश के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को बर्खास्त कर दिया. राजभवन के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी.

गुढ़ा ने शुक्रवार को विधानसभा में महिला अत्याचार के मुद्दे पर अपनी ही सरकार को घेरा था, इसके कुछ ही घंटे बाद यह कार्रवाई हुई है. राजभवन के प्रवक्ता ने बताया कि गुढ़ा को बर्खास्त करने के बारे में मुख्यमंत्री की अनुशंसा को राज्यपाल ने तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है. इससे पहले एक आधिकारिक सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया था, ‘‘राजेंद्र गुढ़ा को मंत्री पद से हटा दिया गया है.''

गुढ़ा ने महिला सुरक्षा और उनके खिलाफ अत्याचार के मुद्दे पर अपनी ही सरकार पर सवाल उठाया था. राजस्थान विधानसभा में राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक 2023 पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के विधायकों ने मणिपुर में हिंसा के मुद्दे पर तख्तियां लहराईं.

गुढ़ा ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा ''राजस्थान में, ये सच्चाई है कि हम महिलाओं की सुरक्षा में असफल हो गए, और राजस्थान में जिस तरह से अत्याचार बढ़े हैं महिलाओं के ऊपर, मणिपुर के बजाय हमें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए.''

इस पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में राजस्थान पहले नंबर पर है. राठौड़ ने बाद में ट्वीट में कहा, ‘‘राजस्थान में बहन-बेटियों के ऊपर हो रहे अत्याचारों व दुष्कर्म की असलियत स्वयं सरकार के मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा बता रहे हैं. संविधान के अनुच्छेद 164(2) के अनुसार मंत्रिमंडल सामूहिक उत्तरदायित्व के आधार पर काम करता है और मंत्री का बयान पूरे मंत्रिमंडल यानी सरकार का माना जाता है.''

Advertisement

पद से बर्खास्त होने के बाद गुढ़ा ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें सच बोलने की सजा मिली है. उन्होंने कहा ‘‘महिलाओं के खिलाफ अपराध में राजस्थान नंबर एक स्थान पर है. मैंने क्या गलत कहा? मुझे सच बोलने की सज़ा मिली.'' भाजपा के राज्यसभा सदस्य किरोड़ी मीणा ने कहा कि गुढ़ा ने विधानसभा में सच बोला है.

उन्होंने कहा ‘‘राजस्थान में कानून व्यवस्था खराब हो गई है और महिलाओं के खिलाफ अपराध कई गुना बढ़ गए हैं. मंत्री ने वही कहा जो सच है.'' गुढ़ा के पास सैनिक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), होम गार्ड एवं नागरिक सुरक्षा (स्वतंत्र प्रभार), पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग था.

Advertisement

यह भी पढ़ें -
-- दिल्ली पुलिस ने 22 जुलाई से 16 अगस्त तक राष्ट्रीय राजधानी में पैराग्लाइडर, ड्रोन पर प्रतिबंध लगाया
-- इलाज के दौरान 10 माह के शिशु की मौत, माता-पिता ने उसका अंग दान कर बचाई दो रोगियों की जान

 

Topics mentioned in this article