राजीव कुमार पश्चिम बंगाल के नए डीजीपी, मालवीय को पुलिस सलाहकार नियुक्त किया गया

अधिकारी ने एक आदेश के हवाले से बताया कि कुमार फिलहाल सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग में प्रधान सचिव हैं और वह तत्काल कार्यभार संभालेंगे. भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1989 बैच के अधिकारी कुमार पहले राज्य के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के तौर पर सेवा दे चुके हैं.

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कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार ने बुधवार को कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को राज्य का नया पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) नियुक्त किया. एक अधिकारी ने बताया कि वह मनोज मालवीय की जगह लेंगे जो आज सेवानिवृत्त हो गए, लेकिन उन्हें अगले तीन साल के लिए पुलिस सलाहकार नियुक्त किया गया है.

अधिकारी ने एक आदेश के हवाले से बताया कि कुमार फिलहाल सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग में प्रधान सचिव हैं और वह तत्काल कार्यभार संभालेंगे. भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1989 बैच के अधिकारी कुमार पहले राज्य के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के तौर पर सेवा दे चुके हैं.

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वाले कुमार पर विशेष जांच दल (एसआईटी) की अगुवाई करते हुए शारदा घोटाले की जांच के दौरान सबूतों को दबाने और छुपाने का आरोप लगाया था. घोटाले की छानबीन करने के लिए राज्य सरकार ने एसआईटी गठित की थी.

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शारदा घोटाला 2013 में सामने आया था और शारदा चिट फंड में निवेश करने वाले बड़ी संख्या में आर्थिक रूप से तबाह हो गए थे. उच्चतम न्यायालय ने 2014 में घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी. तीन फरवरी 2019 को जब सीबीआई की टीम घोटाले से संबंध में पूछताछ करने के लिए कुमार के घर गई थी तो उसे रोका गया और मुख्यमंत्री बनर्जी भाजपा नीत केंद्र सरकार पर विपक्ष के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गई थीं. कुमार उस वक्त कोलकाता के पुलिस आयुक्त थे.

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पुलिस के शीर्ष पद पर उनकी पदोन्नति ने सत्तारूढ़ टीएमसी और विपक्ष दोनों के भीतर एक विवादास्पद बहस छेड़ दी. शारदा चिटफंड मामले में कुमार द्वारा गिरफ्तार किए गए टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, “ वह बहुत अच्छे अधिकारी हैं. पिछले कुछ वर्षों में कुछ अप्रिय घटनाएं घटी हैं. लेकिन मुझे उम्मीद है कि जैसे मुझे किसी के इशारे पर झूठे मामलों में फंसाया गया, वैसे ही किसी और निर्दोष को झूठे मामलों में नहीं फंसाया जाएगा. अगर आप (कुमार) ऐसा काम करेंगे तो भगवान आपको माफ नहीं करेंगे.”

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वहीं, वरिष्ठ मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि मुख्यमंत्री बनर्जी कोई गलत काम नहीं कर सकती हैं. बनर्जी के पास ही गृह विभाग प्रभार भी है. राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि शारदा चिटफंड घोटाले में कुमार की भूमिका के लिए उन्हें पुरस्कार स्वरूप यह नियुक्ति दी गई है.

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उन्होंने कहा, 'हम सभी जानते हैं कि शारदा चिटफंड घोटाले के दौरान राजीव कुमार ने क्या भूमिका निभाई है. कैसे जांच में इस तरह से छेड़छाड़ की गई कि टीएमसी नेता बच जाएं... आज राजीव कुमार को पुरस्कृत किया गया है.'

इसी तरह की राय माकपा नेता सुजान चक्रवर्ती ने व्यक्त की. उन्होंने कुमार के सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आईटी) विभाग में प्रधान सचिव से डीजीपी बनाने पर सवाल उठाया और घोटाले में उनकी कथित भूमिका पर प्रकाश डाला.

उन्होंने कहा, “ वह पिछले चार वर्षों से आईटी सचिव थे, उन्हें राज्य का डीजीपी कैसे बना दिया गया? हम सभी जानते हैं कि शारदा चिटफंड घोटाले के दौरान उन्होंने क्या भूमिका निभाई थी.”

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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