आसाराम बापू को राजस्थान हाईकोर्ट से मिली राहत, जानिए क्यों कोर्ट ने 6 महीने के लिए दिया अंतरिम जमानत

राजस्थान हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम बापू को छह महीने की अंतरिम जमानत दी है. आसाराम को 2018 में नाबालिग के यौन उत्पीड़न के मामले में दोषी ठहराया गया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.

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  • जोधपुर हाईकोर्ट ने यौन उत्पीड़न के दोषी आसाराम बापू को स्वास्थ्य कारणों के आधार पर छह महीने की अंतरिम जमानत दी
  • अगस्त 2013 में एक 16 वर्षीय लड़की ने आसाराम पर जोधपुर के आश्रम में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था
  • अप्रैल 2018 में जोधपुर की अदालत ने आसाराम को नाबालिग के बलात्कार के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी
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जोधपुर:

यौन उत्पीड़न के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम बापू को 6 महीने की अंतरिम जमानत जोधपुर हाईकोर्ट से मिल गई है.  आसाराम की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वकील देवदत्त कामत ने पैरवी की थी. राज्य सरकार की तरफ से  दीपक चौधरी और पीड़िता की तरफ से पीसी सोलंकी ने पैरवी की थी. आसाराम की तरफ से मेडिकल ग्राउंड पर जमानत की अर्जी लगाई गई थी. याचिका में आसाराम की उम्र और स्वास्थ्य कारणों को देखते हुए जमानत की मांग की गई थी. राजस्थान हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा और संगीता शर्मा की खंडपीठ ने मेडिकल ग्राउंड पर उन्हें जमानत दे दी.

उल्लेखनीय है कि अगस्त 2013 में एक 16 वर्षीय लड़की ने आसाराम पर राजस्थान के जोधपुर के पास अपने आश्रम में उसका यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था. पीड़िता के माता-पिता ने शिकायत दर्ज कराई, जिसके कारण 31 अगस्त, 2013 को आसाराम को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद, अप्रैल 2018 में, जोधपुर की एक अदालत ने आसाराम को नाबालिग के बलात्कार के लिए दोषी ठहराया, और उसे भारतीय दंड संहिता, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम और किशोर न्याय अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई. 

अक्टूबर 2013 में और आरोप सामने आए जब सूरत की एक महिला, जो कि एक पूर्व शिष्या हैं, ने आसाराम पर अहमदाबाद के मोटेरा में अपने आश्रम में 2001 से 2006 के बीच बार-बार यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया. 

इसके बाद एक और कानूनी मामला सामने आया, जिसका समापन जनवरी 2023 में हुआ जब गांधीनगर की एक अदालत ने आसाराम को बलात्कार के लिए दोषी ठहराया, जो इस तरह के आरोपों पर उनकी दूसरी सजा थी. इन सजाओं के अलावा, आसाराम के बेटे नारायण साईं पर भी इसी तरह के आरोप लगे. 

2013 में सूरत की दो बहनों ने आरोप लगाया कि आसाराम और नारायण ने 2000 के दशक के मध्य में उनका यौन उत्पीड़न किया था. बड़ी बहन ने आसाराम पर आरोप लगाया, जबकि छोटी बहन ने नारायण पर 2002 से 2005 के बीच सूरत आश्रम में हमले का आरोप लगाया. 

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