राजस्थान में 4 लाख फर्जी पेंशनधारियों की पेंशन बंद, छात्रवृति योजना में गड़बड़ी करने वालों से वसूली जाएगी रकम

शासन सचिव ने विभिन्न योजनाओं में लंबित प्रकरणों को जल्द से जल्द निस्तारित करने के निर्देश देते हुए जीरो पेंडेंसी ((Rajasthan Fake Pensioners)पर जोर दिया. उन्होंने वीसी में बिना अनुमति के अनुपस्थित कार्मिकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए.

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राजस्थान में फर्जी पेंशनधारियों पर शिकंजा. (प्रतीकात्मक फोटो)
नई दिल्ली:

राजस्थान में फर्जी पेंशनधारियों पर सरकार ने शिकंजा कसा है. 4 लाख पेंशनधारियों की पेंशन (Rajasthan 4 Lakh Fake Pensioners Penson Stopped)  बंद कर दी गई है. सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग तरफ से यह एक्शन लिया गया है. इसके साथ ही सामाजिक न्याय और आधिकारिता विभाग ने छात्रवृति योजना में बरती गई धांधली पर भी सख्त एक्शन लेने का निर्देश दिया है. अब छात्रवृति योजना में गड़बड़ी करने वालों से रकम वसूली जाएगी. पैसा वापस नहीं करने वालों पर FIR दर्ज करने के भी निर्देश दिए गए हैं.

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पेंशन योजना में धांधली के बाद एक्शन

दरअसल राजस्थान SSP एप के जरिए पेंशन में फर्जीवाड़े पर लगाम कसे जाने की कवायद की जा रही है. पिछले दिनों सामने आई जानकारी के मुताबिक पेंशन योजना में बड़ी धांधली की जा रही है. जांच में पता चला है कि 1,13,000 ऐसे लोगों को भी पेंशन मिल रही है जो राजस्थान के हैं ही नहीं. धांधली सामने आने के बाद इन लोगों की पेंशन बंद कर दी गई. साथ ही 34,444 सरकारी कर्मचारियों के परिजनों की पेंशन भी बंद कर दी गई है.

राजस्थान में 4729 सरकारी कर्मचारी खुद इस योजना का फायदा ले रहे थे. इसके साथ ही 93,376 डुप्लीकेट पेंशनर्स, 3210 के पास जनाधार कार्ड नहीं था, ऐसे में इन सभी की पेंशन तत्काल प्रभाव से बंद कर दी गई है. सामाजिक न्याय के सचिव समित शर्मा की पहल पर यह कार्रवाई की गई है. इसके साथ ही छात्रवृति योजनाओं में संस्थाओं द्वारा बरती जा रही अनियमिताओं के मामले में भी सख्त कार्रवाई की बात कही गई है. गुरुवार को सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के सचिव डॉ.समित शर्मा की अध्यक्षता में हुई विभागीय अधिकारियों और जिलाधिकारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंस मीटिंग में इसके निर्देश दिए गए. 

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सचिव ने जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि छात्रवृति योजनाओं में हुए कुछ प्राइवेट यूनिवर्सिटी, प्राइवेट कॉलेजों और प्राइवेट आईटीआई द्वारा अनियमितताएं कर जो छात्रवृत्ति ली गई, उनकी रिकवरी करवाएं और रिकवरी नहीं होने पर दोषी संस्थान/विद्यार्थी के खिलाफ FIR दर्ज कराएं.

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9 यूनिवर्सिटी, 37 निजी कॉलेज और 265 ITI ब्लैक लिस्ट

सचिव ने छात्रवृति और मुख्यमंत्री अनुप्रति योजना के लिए लिस्टेड संस्थानों के औचक निरीक्षण के भी निर्देश दिए. बता दें कि पिछले दिनों राज्य सरकार की मंशा के हिसाब से पारदर्शी शासन व्यवस्था के तहत कार्रवाई करते हुए विभाग ने 9 निजी विश्वविद्यालय, 37 निजी कॉलेज और 265 आईटीआई को गंभीर अनियमितताओं में संलिप्त पाए जाने के बाद ब्लैक लिस्ट कर दिया था.

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उन्होंने छात्रवृत्ति योजनाओं में फ्रॉड के प्रकरणों में जिन जिलाधिकारियों और वेरीफाइर द्वारा लापरवाही बरती गई है उनके खिलाफ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए. उन्होंने विभाग द्वारा संचालित समस्त आवासीय विद्यालयों और छात्रावासों के स्टडी रूम और मैस कक्ष में 26 जनवरी तक सीसीटीवी कैमरे लगवाने के निर्देश दिए. उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं, पालनहार योजना, मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना जैसी योजना में लाभार्थी का सालान भौतिक सत्यापन समयबद्ध करवाने के लिए निर्देशित किया, ताकि उन्हें समय पर योजना का फायदा मिल सकें.  

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लंबित मामलों को जल्द निपटाने के निर्देश

शासन सचिव ने विभिन्न योजनाओं में लंबित प्रकरणों को जल्द से जल्द निस्तारित करने के निर्देश देते हुए जीरो पेंडेंसी पर जोर दिया. उन्होंने वीसी में बिना अनुमति के अनुपस्थित कार्मिकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए. वीडियो कॉफ्रेंस में निदेशक जगजीत सिंह मोगा, कमिश्नर विशेष योग्यजन एच गुईटे, एमडी अनुजा निगम राजेश वर्मा समेत विभिन्न योजना प्रभारी उपस्थित रहे. समस्त जिलास्तरीय अधिकारी, ब्लॉक सामाजिक सुरक्षा अधिकारी और छात्रावास अधीक्षक वीसी के माध्यम से शामिल हुए.

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