आगामी लोकसभा चुनाव पहले दो बड़े फैसले लेते हुए राजस्थान सरकार ने बृहस्पतिवार को पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर यानी वैट में दो प्रतिशत कटौती और राज्य कर्मचारियों व पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते (डीए) में चार प्रतिशत बढ़ोतरी की है. राज्य मंत्रिमंडल की बृहस्पतिवार शाम यहां बैठक में यह फैसला किया गया. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बैठक के बाद संवाददाताओं को इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘‘ राजस्थान में डीजल पेट्रोल के दाम को लेकर विसंगतियां थीं. हमने इसे दूर किया है और वैट की दर में हमने दो प्रतिशत की कमी की है.''
उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों पर वैट में दो प्रतिशत की कमी व तेल विपणन कंपनियों द्वारा उठाए जाने वाले कदमों से राज्य में पेट्रोल के दाम में 1.40 रुपये से लेकर 5.30 रुपये प्रति लीटर तक की कमी आएगी. इसी तरह डीजल के दाम 1.34 रुपये से लेकर 4.85 रुपये प्रति लीटर तक कम होंगे.
शर्मा ने कहा कि प्रदेश के सीमावर्ती और दूरस्थ जिलों में लोगों को पेट्रोल और डीजल के दाम करीब पांच रुपये तक अधिक देने पड़ रहे थे. साथ ही, तेल विपणन कंपनी के डीलर को भी इस विसंगति के कारण नुकसान उठाना पड़ रहा था.
आधिकारिक बयान के अनुसार उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी को पूरा करते हुए राज्य सरकार ने पेट्रोल तथा डीजल की वैट दर में दो प्रतिशत कमी की है. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी के निर्देशानुसार दूरस्थ जिलों के लिए डिपो से पेट्रोल पंप तक तेल परिवहन के मूल्य में भी कमी की गई है.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ पेट्रोल-डीजल पर कम की गई कीमतें शुक्रवार यानी 15 मार्च सुबह छह बजे से लागू होंगी. इससे राज्य सरकार के ऊपर लगभग 1500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा.'' मंत्रिमंडल ने राज्य कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में चार प्रतिशत बढ़ोतरी का फैसला किया. शर्मा ने कहा, ‘‘ केंद्र सरकार के कर्मचारियों के अनुरूप हमने महंगाई भत्ते में चार प्रतिशत बढ़ोतरी की है. एक जनवरी 2024 से 50 प्रतिशत महंगाई भत्ता देय होगा.''
उन्होंने कहा, ‘‘ पहले राज्य सरकार के कर्मचारियों को 46 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा था. हमने चार प्रतिशत बढ़ाकर इसे 50 प्रतिशत किया है. हमारे इस निर्णय का लाभ लगभग आठ लाख कर्मचारियों और 4.40 लाख पेंशनभोगियों को मिलेगा.'' मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे राज्य सरकार पर सालाना करीब 1640 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ आएगा.
आधिकारिक बयान के अनुसार मंहगाई भत्ते की बढ़ी हुई दरें एक जनवरी 2024 से प्रभावी होंगी. कर्मचारियों को मार्च 2024 के वेतन (देय अप्रैल 2024) से बढ़े हुए मंहगाई भत्ते का नकद भुगतान किया जाएगा. जनवरी और फरवरी की राशि संबंधित कर्मचारियों के जीपीएफ, जीपीएफ-2004 अथवा जीपीएफ-एसएबी खातों में जमा की जाएगी. उसके अनुसार पंचायत समिति एवं जिला परिषद के कर्मचारियों को भी बढ़े हुए मंहगाई भत्ते का लाभ मिलेगा.
मुख्यमंत्री ने बताया कि हमारी सरकार प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्य कर रही है. तीन साल बाद राजस्थान बिजली उत्पादन के क्षेत्र अधिशेष की स्थिति में आ जाएगा और प्रदेश बिजली खरीदने के स्थान पर दूसरे राज्यों को बिजली बेचने में सक्षम हो जाएगा.
उन्होंने बताया कि इस क्रम में बीते दिनों 3 हजार 325 मेगावाट की थर्मल परियोजनाएं और 28 हजार 500 मेगावाट की अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं संयुक्त उपक्रम स्थापित करने के लिए करीब एक लाख 60 हजार करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गये हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सीआरआईएफ के अंतर्गत राजस्थान में 31 प्रमुख जिला सड़कों और राज्य राजमार्गों को चौड़ा और सुदृढ़ करने के लिए 972.80 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष सी.पी. जोशी ने राज्य सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार ने अपना वादा निभाते हुए डीजल और पेट्रोल के दाम घटाए हैं. उन्होंने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भजनलाल सरकार अपने संकल्प पत्र के वादे पूरे कर रही है.