आगामी चुनावों के मद्देनजर राजस्थान (Rajasthan Assembly Elections 2023) में बीजेपी की चार परिवर्तन यात्राएं होंगी जो कि अलग-अलग कोनों से निकाली जाएंगी. दो, तीन, चार और पांच सितंबर को इन यात्राओं की शुरुआत होगी और 25 सितंबर को जयपुर में इन यात्राओं का समापन होगा. समापन पर पीएम मोदी एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे. 2 सितंबर को सवाई माधोपुर के त्रिनेत्र गणेश मन्दिर से पहली यात्रा शुरू होगी. इस यात्रा को गृहमंत्री अमित शाह रवाना करेंगे.
दूसरी यात्रा 3 सितम्बर को वैनेश्वर धाम डूंगरपुर से रवाना होगी, जिसे भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा रवाना करेंगे. तीसरी यात्रा 4 सितंबर को रामदेवरा जैसलमेर से शुरू होगी, जिसे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रवाना करेंगे. चौथी यात्रा 5 सितंबर को हनुमानगढ़ के गोगामेडी से शुरू होगी, जिसे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी रवाना करेंगे. ये यात्राएं सामूहिक नेतृत्व में निकाली जाएंगी. राज्य के नेता बारी-बारी से यात्राओं की अगुवाई करेंगे. वसुंधरा राजे सिंधिया, गजेंद्र सिंह शेखावत, सीपी जोशी, सतीश पूनिया आदि राज्य के वरिष्ठ नेता अगुवाई करेंगे. सभी विधानसभा क्षेत्रों को ये यात्राएं कवर करेंगी.
राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने में तीन महीने का कम वक्त बचा है. चुनाव की तारीखों का ऐलान अभी भले ही न किया गया हो, लेकिन बीजेपी (BJP) और कांग्रेस के बीच हलचल तेज हो गई है. बीजेपी ने गुरुवार को स्टेट इलेक्शन मैनेजमेंट और मेनिफेस्टो कमेटी बनाई. गौर करने वाली ये है कि पार्टी ने किसी भी कमेटी में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया (Vasundhara Raje) को जगह नहीं दी है. इन सबके बीच सवाल ये है कि क्या राजस्थान में वसुंधरा राजे के लिए अब कुछ नहीं बचा है? आखिर बीजेपी के इस फैसले के क्या मायने हैं? सवाल ये भी है कि वसुंधरा राजे को साइडलाइन करके बीजेपी किस फॉर्मूले पर राजस्थान का चुनाव लड़ेगी? दो कमेटियों में वसुंधरा राजे को जगह नहीं दिए जाने का मामला उठा, तो बीजेपी ने अपनी तरफ से सफाई भी दी. पार्टी का कहना है कि राजे एक जानी-मानी नेता और राजस्थान में बड़ा चेहरा हैं. उनके लिए दूसरा रोल है. लिहाजा उन्हें ऐसी कमेटियों में शामिल करने की जरूरत नहीं. वहीं, बीजेपी ने राजस्थान से पहले मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए भी स्टेट इलेक्शन मैनेजमेंट कमेटी का ऐलान किया. पार्टी के तर्क से उलट मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बड़े चेहरों को कमेटियों में शामिल किया गया है.
जानिए किसे मिली कौन सी कमान?
- इलेक्शन मेनिफेस्टो कमेटी की कमान केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को दी गई है.
-राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी और किरोड़ीलाल मीणा सह संयोजक बनाए गए हैं.
-अल्का सिंह गुर्जर, राव राजेंद्रसिंह, सुभाष मेहरिया, प्रभुलाल सैनी और राखी राठौड़ को भी सह संयोजक बनाया गया है.
-स्टेट इलेक्शन मैनेजमेंट के लिए एक कमेटी बनाई गई है.
- प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद नारायण पंचारिया को इसका संयोजक बनाया गया.
- पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ सह संयोजक बनाए गए हैं.
- ओंकार सिंह लखावत, प्रदेश महामंत्री भजनलाल शर्मा, दामोदर अग्रवाल, सीएम मीणा और कन्हैया लाल बैरवाल को सह संयोजक की जिम्मेदारी दी गई है.