Rajasthan Election 2023: राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजस्थान बीजेपी ने 39 उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर लिए हैं और सूची में कुछ अन्य को शामिल करने को लेकर अंतिम रूप भी दे दिया है. कल दिल्ली में बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक (BJP CEC Meeting) हुई. बताया जा रहा है कि इस बैठक में राजस्थान की 65 विधानसभा सीटों पर चर्चा के बाद 39 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम (Rajasthan BJP Candidate List) सर्वसम्मति से तय कर दिए गए हैं. हालांकि पार्टी की तरफ से अभी तक उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं की गई है.
पीएम मोदी के जोधपुर दौरे के बाद जारी हो सकती है लिस्ट
सूत्रों ने बताया कि बीजेपी की पहली सूची प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 5 अक्टूबर को जोधपुर दौरे (PM Modi Jodhpur visit) के बाद जारी हो सकती है. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने एनडीटीवी को बताया कि बीजेपी की सूची तैयार है. इससे पहले उन्होंने सोमवार को जोधपुर में कहा, ''जल्द ही सभी के लिए अच्छी खबर आएगी.'' लेकिन जोधपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के खिलाफ कौन चुनाव लड़ेगा यह अब भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है.
गहलोत के खिलाफ मजबूत उम्मीदवार खड़े करने को लेकर मंथन जारी
सूत्रों ने कहा कि सीएम अशोक गहलोत को उनके निर्वाचन क्षेत्र सरदारपुरा में बीजेपी आसान जीत हासिल नहीं करने देने वाली है, जहां उन्होंने पिछले चार चुनाव आसानी से जीते थे. गहलोत के सामने बीजेपी मजबूत उम्मीदवार खड़े करने को लेकर लगातार मंथन कर रही है. बीजेपी सरदारपुर में अशोक गहलोत के खिलाफ गजेंद्र सिंह शेखावत को खड़ा करने की योजना बना रही है. इसको लेकर राजस्थान की सियासत में जमकर चर्चा हो रही है.
कांग्रेस के हर दिग्गज उम्मीदवार को कड़ी टक्कर देने की तैयारी में बीजेपी
भारतीय जनता पार्टी सिर्फ अशोक गहलोत ही नहीं, बल्कि कांग्रेस के हर दिग्गज उम्मीदवार को कड़ी टक्कर देना चाहती है, इसीलिए विधानसभा चुनाव के लिए सासंदों को मैदान में उतारा जा रहा है. कहा जा रहा है कि गजेंद्र सिंह शेखावत के अलावा बीजेपी ने वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) से भी पूछा है कि क्या वे अशोक गहलोत के सामने चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं?
वसुंधरा राजे की बात करें तो वह बीजेपी को मजबूती देने का काम करती हैं. उनके जनता को आकर्षित की क्षमता से राजस्थान में बीजेपी को एक मुश्किल सीट हासिल करने में फायदा हो सकता है.
सांसदों को एमएलए का चुनाव लड़ाने से राजस्थान में राजनीतिक मंथन
ऐसा लगता है कि बीजेपी की रणनीति सांसदों और अन्य मजबूत उम्मीदवारों को इस्तेमाल करने की है ताकि वे कांग्रेस के कुछ स्टार उम्मीदवारों को पटखनी दे सकें. राजसमंद सांसद दीया कुमारी को नाथद्वारा सीट पर राजस्थान अध्यक्ष सीपी जोशी से मुकाबला करने के लिए चुनावी मैदान में उतरने के लिए भी कहा जा सकता है जो उनके निर्वाचन क्षेत्र राजसमंद में आती है. सांसदों को एमएलए का चुनाव लड़ाने से राजस्थान में काफी राजनीतिक मंथन होने वाला है.
अगर सांसद एमएलए का चुनाव जीतते हैं तो मुख्यमंत्री पद के लिए उतने ही दावेदार होंगे. लेकिन चित्तौड़गढ़ रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह साफ कर दिया है एकमात्र चेहरा कमल (भाजपा का चुनाव चिह्न) है और पार्टी समग्र रूप से चुनाव लड़ रही है.