कोरोनावायरस के बीच देश के कई राज्यों में दुर्लभ लेकिन खतरनाक बीमारी ब्लैक फंगस के मामले भी सामने आ रहे हैं. राजस्थान में भी इस बीमारी के कई मामले सामने आए हैं, लेकिन दुर्लभ बीमारी के होने के चलते इसकी दवाइयां आसानी से उपलब्ध नहीं है और इलाज मुश्किल हो रहा है. इसका इलाज महंगा भी है, जिससे कि गरीब मरीज असहाय हैं.
ऐसे वक्त में राजस्थान में एक मरीज को बड़ी मदद मिली है. एक ट्वीट के चलते एक केंद्रीय मंत्री की ओर से इलाज के लिए उसे एक लाख रुपए की सहायता मिल गई. केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने सुजाराम मेघवाल नाम के एक ब्लैक फंगस के मरीज के इलाज के लिए डॉ अम्बेडकर चिकित्सा सहायता योजना के अंतर्गत निर्धारित सहायता की अधिकतम राशि 1 लाख रुपए की सहायता जारी करवाई है.
उन्होंने ट्वीट कर बताया कि उन्हें इसकी ट्विटर पर जानकारी मिली और इसपर आवेदन मंगवाकर इलाज के लिए निर्धारित राशि जारी करवा दी गई है.
राजस्थान के जालौर से बीजेपी विधायक जोगेश्वर गर्ग ने 14 मई को एक ट्वीट कर बताया था कि जालौर के एक निवासी की ब्लैक फंगस से एक आंख की रोशनी जा चुकी है. उसके पास राजस्थान सरकार की चिरंजीवी योजना के तहत मुफ्त इलाज के लिए पात्रता और कागज दोनों थे, लेकिन इलाज नहीं मिल रहा था. उन्होंने ट्वीट कर कहा था, 'उम्मेदाबाद (जालौर) निवासी सुजाराम मेघवाल (BPL+खाद्य सुरक्षा धारक) ब्लैक फंगस से पीड़ित हैं. एक आंखकी रोशनी जा चुकी है. उनके पास जन आधार कार्ड होने के बावजूद उदयपुर का पैसिफिक हॉस्पिटल मुफ्त इलाज से मना कर रहा है.'
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उन्होंने बताया कि सुजाराम मेघवाल जो कि गरीब परिवार और अनुसूचित जाति से आते हैं और बीपीएल श्रेणी से हैं, कई दिनों से अस्पताल में भर्ती हैं. उनके परिजनों ने बताया कि चिरंजीवी योजना का लाभ उन्हें उक्त हॉस्पिटल नहीं दे रहा है. लाखों रुपए इनके इलाज में खर्च हों चुके हैं. माननीय मंत्री जी से बात की तो उन्होंने कहा कि आवेदन मंगाओ. परसों शाम को आवेदन मिला. कल ऑर्डर हुआ और आज पैसा ट्रांसफर हो गया.
बता दें कि देश में कई राज्यों में ब्लैक फंगस के मामले सामने आ रहे हैं. कोरोना के बाद यह बड़ी चुनौती है. इस बीमारी का इंजेक्शन भी काफी मुश्किल से मिल रहा है. यह आमतौर पर मेडिकल हॉल पर उपलब्ध भी नहीं होता है. फिलहाल जो कोटा है वो केंद्र के पास है और वहां से राज्यों को वितरण हो रहा है.